Thursday, 1 February 2018

जमालपुर में रेल विश्वविद्यालय की स्थापना की उठी मांग





जमालपुर। जमालपुर में रेल विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग को लेकर विभिन्न राजनीतिक व सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं की एक बैठक बुधवार को मारवाड़ी धर्मशाला में हुई। बैठक की अध्यक्षता राजद नगर अध्यक्ष मंटू यादव ने की। बैठक के दौरान सर्वसम्मति से रेल विश्वविद्यालय निर्माण संघर्ष मोर्चा का गठन किया गया। बैठक को संबोधित करते हुए राजद नगर अध्यक्ष मंटू यादव ने कहा कि जमालपुर रेल कारखाना एशिया का पहला बड़ा रेल कारखाना है। लेकिन आज इसका विकास नहीं किया जा रहा है। जमालपुर रेल कारखाना परिसर स्थित भारतीय रेलवे यांत्रिक एवं विद्युत अभियंत्रण संस्थान में विगत कुछ वर्षों से एससीआरए की पढ़ाई बंद कर दी गई है। जिससे जमालपुर शहर के विकास पर काफी विपरीत असर पड़ा है। विभिन्न राजनीतिक व सामाजिक संगठनों द्वारा एससीआरए की पढ़ाई फिर से आरंभ कराने को लेकर वृहद पैमाने पर आंदोलन भी चलाया गया था। मगर केंद्र की भाजपा सरकार जमालपुर रेल कारखाने के विकास को लेकर कोई कार्य करने को राजी नहीं दिख रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा जमालपुर में रेल विश्वविद्यालय के निर्माण की घोषणा किए जाने के बावजूद अब तक उसे पूरा नहीं किया गया है। साथ ही, जमालपुर को रेल निर्माण कारखाना का दर्जा भी अभी तक नहीं दिया गया है। रेलवे मुख्य अस्पताल को सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल का दर्जा नहीं मिला है। सफियाबाद हॉल्ट बनाने को लेकर वर्षों से मांग लंबित है, जिसे केंद्र सरकार अब तक पूरा नहीं की है। कमिश्नरी मुख्यालय में मुंगेर स्टेशन को मॉडल स्टेशन बनाकर विकसित नहीं किया गया। रेल विश्वविद्यालय स्थापना एवं रेलवे से जुड़े विभिन्न मांगों को लेकर  रेल विश्वविद्यालय निर्माण संघर्ष मोर्चा के बैनर तले आंदोलन चलाकर संघर्ष जारी रहेगा। इसके तहत आगामी 5 फरवरी को जुबली को चौराहा पर एक दिवसीय धरना भी दिया जाएगा। बैठक को संबोधित करते हुए राजद के वरीय नेता नरेश सिंह यादव ने कहा कि जब से केंद्र की मोदी सरकार सत्ता में आई है, तब से अच्छे दिन का सपना दिखाने का वादा करने वाली सरकार में सबसे ज्यादा नौजवानों को प्रत्येक साल दो करोड़ का रोजगार देना भूल गए। विदेशों में रखा देश का काला धन वापस नहीं आया। लोगों के खाते में 15-15 लाख रुपया नहीं आया। तारापुर-कटोरिया रेलपथ, बरियारपुर-मननपुर रेलपथ एवं भागलपुर को डिवीजनल कार्यालय बनाने जैसे कई सपने मोदी सरकार में अधूरे रह गए। इसी के साथ जनादेश का अपमान करने वाला नीतीश कुमार एनडीए की गोद में जाकर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और विशेष पैकेज की मांग भूल गया। इस दौरान सभी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि मोदी नीतीश की सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए कमर कसकर संघर्ष में जुट जाएं। मौके पर इबरार अली, उर्फ राजू, प्रतिमा चौरसिया, जुल्फिकार भुट्टो, प्रभास कुमार, राजेश मंडल, गोरेलाल सिंह, धीरेंद्र मंडल, बमबम यादव, भागीरथ यादव, अमरजीत कुमार, नरेश यादव, रविशंकर प्रसाद, प्रभात कुमार, सुनील कुमार मौजूद थे।

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