चुनावी रंजिश में रेलकर्मी सहित अज्ञात अपराधियों ने 2 को मारी गोली
घटना में एक की मौत दूसरा गंभीर रूप से घायल
रेलवे मुख्य अस्पताल में घायल का चल रहा इलाज, डॉक्टरों ने बताई हालत नाजुक
जमालपुर। ईस्ट कॉलोनी थाना क्षेत्र विगत कई महीनों से काफी संवेदनशील क्षेत्र बन चुका है। जहां आए दिन कोई ना कोई आपराधिक वारदात होती रहती है। शुक्रवार तड़के सुबह ईस्ट कॉलोनी थाना क्षेत्र गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा। कुछ अज्ञात अपराधियों ने रेलवे मुख्य अस्पताल के प्रवेश गेट के बाहर एक रेलकर्मी सहित दो लोगों के ऊपर जमकर गोलियां बरसाई। जिसमें रेलकर्मी नंदन कुमार की मौत हो गई। जबकि दूसरा राकेश कुमार सिंह गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल अवस्था में राकेश कुमार सिंह की इलाज रेलवे मुख्य अस्पताल के स्पेशल वार्ड में चल रहा है। चिकित्सकों ने बताया कि घटना के 3 घंटे से अधिक समय तक गोली नहीं निकल पाने की वजह से घायल की हालत नाजुक हो गई है।
कई घंटे चले इलाज के बाद भी नहीं बचाया जा सका नंदन को
रेलवे मुख्य अस्पताल के प्रवेश द्वार के बाहर गोलियों से छलनी रेलकर्मी नंदन कुमार एवं राकेश कुमार सिंह को गोली लगने की सूचना मिलने के बाद चिकित्सकों के एक दल ने जब दोनों की जांच की तो चिकित्सकों ने नंदन कुमार को वही मृत घोषित कर दिया जबकि राकेश कुमार की सांसे चल रही थी जिसे इलाज के लिए तुरंत रेलवे मुख्य अस्पताल के स्पेशल वार्ड में भर्ती कराया गया। घटना की सूचना मिलते ही देखते ही देखते सैकड़ों की संख्या में युवाओं एवं मृतक के परिजनों की भीड़ रेलवे मुख्य अस्पताल के गेट पर उमड़ पड़ी। लंदन के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा था। तभी अचानक परिजनों ने कहा कि नंदन की सांसे अभी भी चल रही है जिसके बाद लोगों ने नंदन को उठाकर स्पेशल वार्ड ले गए। जहां ऑपरेशन थिएटर में चिकित्सकों ने उसे बचाने का काफी प्रयास किया लेकिन सारा प्रयास व्यर्थ साबित हुआ। नंदन को नहीं बचाया जा सका। दूसरी ओर गंभीर रूप से घायल राकेश कुमार सिंह को बचाने के लिए मुंगेर सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ सुधीर कुमार सिंह को बुलाया गया।
खून देने के लिए दर्जनों युवा आगे आए
ईस्ट कॉलोनी थाना क्षेत्र के नयागांव स्थित टेढ़ी गली निवासी नंदन एवं स्टेडियम रोड निवासी राकेश को गोली लगने की खबर सुनते ही रेलवे मुख्य अस्पताल में सैकड़ों की संख्या में युवाओं एवं राजनीतिक व सामाजिक कार्यकर्ताओं की भीड़ उमड़ पड़ी। जैसे ही डॉक्टरों ने इलाज के लिए खून की मांग की तो खून देने के लिए दर्जनों युवा सामने आ गए। युवाओं का कहना था कि नंदन का युवाओं के साथ काफी अच्छा संबंध था। उन्हें बचाने के लिए हर कोई अपना खून उन्हें देना चाहता था।
पुलिस छावनी में तब्दील हुआ रेलवे मुख्य अस्पताल
ईस्ट कॉलोनी थाना क्षेत्र के रेलवे मुख्य अस्पताल में 2 लोगों पर गोलीबारी की घटना के बाद रेलवे मुख्य अस्पताल में जमालपुर थाना, ईस्ट कॉलोनी थाना, सफियासराय सहायक थाना एवं फरीदपुर ओपी थाना पुलिस पहुंच गई। इस दौरान कई घंटों तक रेलवे मुख्य अस्पताल पुलिस छावनी में तब्दील रहा। मौके पर एसडीपीओ हरिशंकर राव एवं सदर एसडीओ डॉ कुंदन कुमार भी पहुंचकर घटना का जायजा लिया।
उग्र भीड़ को पुलिस ने किया शांत
रेलकर्मी नंदन की मौत की खबर सुनते ही वहां मौजूद युवाओं की भीड़ उग्र होने लगी। पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद भीड़ को शांत किया। नंदन के परिजनों एवं दोस्तों की मांग थी कि उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए नहीं ले जाया जाए। सदर एसडीपीओ हरिशंकर राव, सदर एसडीओ डॉ कुंदन कुमार, ईस्ट कॉलोनी थानाध्यक्ष पंकज कुमार, जमालपुर थानाध्यक्ष सुनील कुमार एवं राजद नगर अध्यक्ष मंटू यादव के समझाने के बाद उग्र भीड़ शांत हुई। जिसके बाद पुलिस की निगरानी में नंदन के शव पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया।
घटना में एक की मौत दूसरा गंभीर रूप से घायल
रेलवे मुख्य अस्पताल में घायल का चल रहा इलाज, डॉक्टरों ने बताई हालत नाजुक
जमालपुर। ईस्ट कॉलोनी थाना क्षेत्र विगत कई महीनों से काफी संवेदनशील क्षेत्र बन चुका है। जहां आए दिन कोई ना कोई आपराधिक वारदात होती रहती है। शुक्रवार तड़के सुबह ईस्ट कॉलोनी थाना क्षेत्र गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा। कुछ अज्ञात अपराधियों ने रेलवे मुख्य अस्पताल के प्रवेश गेट के बाहर एक रेलकर्मी सहित दो लोगों के ऊपर जमकर गोलियां बरसाई। जिसमें रेलकर्मी नंदन कुमार की मौत हो गई। जबकि दूसरा राकेश कुमार सिंह गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल अवस्था में राकेश कुमार सिंह की इलाज रेलवे मुख्य अस्पताल के स्पेशल वार्ड में चल रहा है। चिकित्सकों ने बताया कि घटना के 3 घंटे से अधिक समय तक गोली नहीं निकल पाने की वजह से घायल की हालत नाजुक हो गई है।
कई घंटे चले इलाज के बाद भी नहीं बचाया जा सका नंदन को
रेलवे मुख्य अस्पताल के प्रवेश द्वार के बाहर गोलियों से छलनी रेलकर्मी नंदन कुमार एवं राकेश कुमार सिंह को गोली लगने की सूचना मिलने के बाद चिकित्सकों के एक दल ने जब दोनों की जांच की तो चिकित्सकों ने नंदन कुमार को वही मृत घोषित कर दिया जबकि राकेश कुमार की सांसे चल रही थी जिसे इलाज के लिए तुरंत रेलवे मुख्य अस्पताल के स्पेशल वार्ड में भर्ती कराया गया। घटना की सूचना मिलते ही देखते ही देखते सैकड़ों की संख्या में युवाओं एवं मृतक के परिजनों की भीड़ रेलवे मुख्य अस्पताल के गेट पर उमड़ पड़ी। लंदन के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा था। तभी अचानक परिजनों ने कहा कि नंदन की सांसे अभी भी चल रही है जिसके बाद लोगों ने नंदन को उठाकर स्पेशल वार्ड ले गए। जहां ऑपरेशन थिएटर में चिकित्सकों ने उसे बचाने का काफी प्रयास किया लेकिन सारा प्रयास व्यर्थ साबित हुआ। नंदन को नहीं बचाया जा सका। दूसरी ओर गंभीर रूप से घायल राकेश कुमार सिंह को बचाने के लिए मुंगेर सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ सुधीर कुमार सिंह को बुलाया गया।
खून देने के लिए दर्जनों युवा आगे आए
ईस्ट कॉलोनी थाना क्षेत्र के नयागांव स्थित टेढ़ी गली निवासी नंदन एवं स्टेडियम रोड निवासी राकेश को गोली लगने की खबर सुनते ही रेलवे मुख्य अस्पताल में सैकड़ों की संख्या में युवाओं एवं राजनीतिक व सामाजिक कार्यकर्ताओं की भीड़ उमड़ पड़ी। जैसे ही डॉक्टरों ने इलाज के लिए खून की मांग की तो खून देने के लिए दर्जनों युवा सामने आ गए। युवाओं का कहना था कि नंदन का युवाओं के साथ काफी अच्छा संबंध था। उन्हें बचाने के लिए हर कोई अपना खून उन्हें देना चाहता था।
पुलिस छावनी में तब्दील हुआ रेलवे मुख्य अस्पताल
ईस्ट कॉलोनी थाना क्षेत्र के रेलवे मुख्य अस्पताल में 2 लोगों पर गोलीबारी की घटना के बाद रेलवे मुख्य अस्पताल में जमालपुर थाना, ईस्ट कॉलोनी थाना, सफियासराय सहायक थाना एवं फरीदपुर ओपी थाना पुलिस पहुंच गई। इस दौरान कई घंटों तक रेलवे मुख्य अस्पताल पुलिस छावनी में तब्दील रहा। मौके पर एसडीपीओ हरिशंकर राव एवं सदर एसडीओ डॉ कुंदन कुमार भी पहुंचकर घटना का जायजा लिया।
उग्र भीड़ को पुलिस ने किया शांत
रेलकर्मी नंदन की मौत की खबर सुनते ही वहां मौजूद युवाओं की भीड़ उग्र होने लगी। पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद भीड़ को शांत किया। नंदन के परिजनों एवं दोस्तों की मांग थी कि उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए नहीं ले जाया जाए। सदर एसडीपीओ हरिशंकर राव, सदर एसडीओ डॉ कुंदन कुमार, ईस्ट कॉलोनी थानाध्यक्ष पंकज कुमार, जमालपुर थानाध्यक्ष सुनील कुमार एवं राजद नगर अध्यक्ष मंटू यादव के समझाने के बाद उग्र भीड़ शांत हुई। जिसके बाद पुलिस की निगरानी में नंदन के शव पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया।
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