Monday, 19 February 2018

जूते-मोजे पर रोक सरकारी तंत्र के अकर्मण्यता का प्रमाण : सपा

जूते-मोजे पर रोक सरकारी तंत्र के अकर्मण्यता का प्रमाण : सपा

जमालपुर। बिहार पुलिस की परीक्षा में अभ्यर्थियों के शर्ट उतारने की परंपरा की शुरुआत करने वाले सरकार के एक और तंत्र ने बोर्ड परीक्षा में छात्र छात्राओं के जूते मोजे पर रोक लगा कर सरकारी तंत्र की अकर्मण्यता को जगजाहिर कर दिया है। सुशासन सरकार के इस फैसले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बिहार सरकार के पास कितने होनहार सलाहकार है, जिसके दम पर नकल रोकने की ऐसी व्यवस्था की जा रही है। उक्त बातें समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष पप्पू यादव ने कहीं। सरकार और बोर्ड के इस फैसले को हास्यास्पद करार देते हुए उन्होंने कहा कि कुछ दिन पूर्व जमालपुर विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर आए बिहार सरकार के एक मंत्री ने दावा किया था कि बिहार में शिक्षा के सुधार में 60% वृद्धि दर्ज की गई। अब मंत्री जी को यह बताना चाहिए कि शर्ट, जूते-मोजे उतरवाने वाले सरकार के शिक्षा के स्तर में सुधार में क्या पैमाने हैं। सूबे के मुखिया एक तरफ ढिंढोरा पीट रहे हैं कि बिहार विकास के दहलीज पर चल पड़ा है। तो सरकार को यह बताना चाहिए कि खाली पैर विकास कितना चल पाएगा। सरकार 24 घंटे के अंदर इस फैसले को वापस ले, अन्यथा इस फैसले से बिहार राज्य का पूरे देश में उपहास होगा।

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