सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले पूर्व वार्ड पार्षद के खिलाफ मामला दर्ज
जमालपुर। सोशल मीडिया पर जिस हिंदू परिषद की एक अंग दुर्गा वाहिनी किस एक महिला पदाधिकारी की आपत्तिजनक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल करने वाले जमालपुर मेरा परिषद के पूर्व वार्ड पार्षद के खिलाफ आदर्श थाना जमालपुर में मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस पब्लिक मैत्री शांति समिति के सदस्य शहर पूर्व वार्ड पार्षद जुम्मन आलम द्वारा विगत 18 फरवरी 11:45 बजे सोशल मीडिया पर दुर्गा वाहिनी कि एक पदाधिकारी को अपमानित करने वाली उनकी नग्न तस्वीर वायरल की गई। विश्व हिंदू परिषद की दुर्गा वाहिनी जिला संयोजिका रानी देवी एवं सह संयोजिका सुरभि राज ने पूर्व वार्ड पार्षद मो जुम्मन आलम के खिलाफ आदर्श थाना जमालपुर में एक शिकायत दर्ज कराई। जिसमें उन्होंने साक्ष्य के रूप में सोशल मीडिया पर जुम्मन आलम द्वारा वायरल किए गए फेसबुक पोस्ट की एक छाया प्रति भी पुलिस को सौंपी है। पुलिस ने भा द वि 153(अ)/295(अ)/298 एवं आईटी एक्ट 66 (डी) के तहत कांड संख्या 45/18 दर्ज की है।
महिलाओं को अपमानित करने का प्रयास
दुर्गा वाहिनी के जिला संयोजिका रानी देवी ने अपने बयान में कहा है कि पुलिस-पब्लिक-मैत्री शांति समिति के सदस्य द्वारा इस प्रकार महिलाओं के बारे में आपत्तिजनक पोस्ट डालना, उनकी घृणित मानसिकता को दर्शाती है। ऐसा व्यक्ति जो महिलाओं के बारे में ऐसी गंदी सोच रखता है, वह ना तो किसी भी समाज का प्रतिनिधि हो सकता है और न पुलिस व पब्लिक का मित्र। पुलिस यदि ऐसे व्यक्ति को पुलिस एवं पब्लिक का मित्र होने का सर्टिफिकेट जारी करती है, तो यह पुलिस की विफलता का प्रतीक है। पुलिस को ऐसे लोगों के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता है। वरना ऐसा व्यक्ति कभी पुलिस के लिए भी घातक साबित हो सकता है।
विश्व हिंदू परिषद के जिला मंत्री चंद्रशेखर गुप्ता ने कहा कि पूर्व वार्ड पार्षद मो जुम्मन आलम द्वारा सोशल मीडिया पर वायरल किया गया यह पोस्ट सीधे-सीधे महिलाओं को अपमानित करने वाला है। जिला पुलिस कप्तान आशीष भारती द्वारा बनाए गए पुलिस-पब्लिक-मैत्री शांति समिति में ऐसे लोगों को शामिल किया जाना, कहीं ना कहीं पुलिस के ऊपर भी सवाल उठाता है। जो व्यक्ति ऐसी अशांति फैलाने वाली पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल करता है, वह शांति समिति का सदस्य कैसे हो सकता है। पुलिस-पब्लिक-मैत्री शांति समिति के सदस्यों की सामाजिक एवं आपराधिक रिकॉर्ड की जांच की जानी चाहिए। ऐसे ग्रुप में और सामाजिक एवं अपराधिक प्रवृति एवं घृणित मानसिकता वाले लोगों को रखने पर पुलिस की कार्य प्रणालियों पर भी सवाल उठाता है। राष्ट्रीय जनता दल के नगर अध्यक्ष मंटू यादव ने कहा कि सरकार अथवा पुलिस द्वारा सामाजिक सौहार्द कायम रखने के लिए यदि कोई शांति समिति का गठन किया जाता है तो उसमें सदस्यों के चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता होनी चाहिए। यदि ऐसे शांति समिति समूह में किसी आपराधिक एवं महिला विरोधी मानसिकता वाले व्यक्ति को शामिल किया जाता है तो सरकार को ऐसे समितियों को बंद कर देना चाहिए। सरकार इन दिनों सुबह में अपराधियों को पनाह देने के लिए इस प्रकार की शांति समिति समोसे जोड़कर मदद पहुंचा रही है।
जमालपुर। सोशल मीडिया पर जिस हिंदू परिषद की एक अंग दुर्गा वाहिनी किस एक महिला पदाधिकारी की आपत्तिजनक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल करने वाले जमालपुर मेरा परिषद के पूर्व वार्ड पार्षद के खिलाफ आदर्श थाना जमालपुर में मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस पब्लिक मैत्री शांति समिति के सदस्य शहर पूर्व वार्ड पार्षद जुम्मन आलम द्वारा विगत 18 फरवरी 11:45 बजे सोशल मीडिया पर दुर्गा वाहिनी कि एक पदाधिकारी को अपमानित करने वाली उनकी नग्न तस्वीर वायरल की गई। विश्व हिंदू परिषद की दुर्गा वाहिनी जिला संयोजिका रानी देवी एवं सह संयोजिका सुरभि राज ने पूर्व वार्ड पार्षद मो जुम्मन आलम के खिलाफ आदर्श थाना जमालपुर में एक शिकायत दर्ज कराई। जिसमें उन्होंने साक्ष्य के रूप में सोशल मीडिया पर जुम्मन आलम द्वारा वायरल किए गए फेसबुक पोस्ट की एक छाया प्रति भी पुलिस को सौंपी है। पुलिस ने भा द वि 153(अ)/295(अ)/298 एवं आईटी एक्ट 66 (डी) के तहत कांड संख्या 45/18 दर्ज की है।
महिलाओं को अपमानित करने का प्रयास
दुर्गा वाहिनी के जिला संयोजिका रानी देवी ने अपने बयान में कहा है कि पुलिस-पब्लिक-मैत्री शांति समिति के सदस्य द्वारा इस प्रकार महिलाओं के बारे में आपत्तिजनक पोस्ट डालना, उनकी घृणित मानसिकता को दर्शाती है। ऐसा व्यक्ति जो महिलाओं के बारे में ऐसी गंदी सोच रखता है, वह ना तो किसी भी समाज का प्रतिनिधि हो सकता है और न पुलिस व पब्लिक का मित्र। पुलिस यदि ऐसे व्यक्ति को पुलिस एवं पब्लिक का मित्र होने का सर्टिफिकेट जारी करती है, तो यह पुलिस की विफलता का प्रतीक है। पुलिस को ऐसे लोगों के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता है। वरना ऐसा व्यक्ति कभी पुलिस के लिए भी घातक साबित हो सकता है।
विश्व हिंदू परिषद के जिला मंत्री चंद्रशेखर गुप्ता ने कहा कि पूर्व वार्ड पार्षद मो जुम्मन आलम द्वारा सोशल मीडिया पर वायरल किया गया यह पोस्ट सीधे-सीधे महिलाओं को अपमानित करने वाला है। जिला पुलिस कप्तान आशीष भारती द्वारा बनाए गए पुलिस-पब्लिक-मैत्री शांति समिति में ऐसे लोगों को शामिल किया जाना, कहीं ना कहीं पुलिस के ऊपर भी सवाल उठाता है। जो व्यक्ति ऐसी अशांति फैलाने वाली पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल करता है, वह शांति समिति का सदस्य कैसे हो सकता है। पुलिस-पब्लिक-मैत्री शांति समिति के सदस्यों की सामाजिक एवं आपराधिक रिकॉर्ड की जांच की जानी चाहिए। ऐसे ग्रुप में और सामाजिक एवं अपराधिक प्रवृति एवं घृणित मानसिकता वाले लोगों को रखने पर पुलिस की कार्य प्रणालियों पर भी सवाल उठाता है। राष्ट्रीय जनता दल के नगर अध्यक्ष मंटू यादव ने कहा कि सरकार अथवा पुलिस द्वारा सामाजिक सौहार्द कायम रखने के लिए यदि कोई शांति समिति का गठन किया जाता है तो उसमें सदस्यों के चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता होनी चाहिए। यदि ऐसे शांति समिति समूह में किसी आपराधिक एवं महिला विरोधी मानसिकता वाले व्यक्ति को शामिल किया जाता है तो सरकार को ऐसे समितियों को बंद कर देना चाहिए। सरकार इन दिनों सुबह में अपराधियों को पनाह देने के लिए इस प्रकार की शांति समिति समोसे जोड़कर मदद पहुंचा रही है।
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