रेलवे मुख्य अस्पताल के गेट पर पसरा रहा सन्नाटा
जमालपुर। रेल इंजन कारखाना जमालपुर में कार्यरत रेलकर्मियों की समुचित चिकित्सा व्यवस्था के लिए ईस्ट कॉलोनी के पूर्वी हिस्से पर स्थित रेलवे मुख्य अस्पताल जमालपुर के गेट के समीप शुक्रवार सुबह अपराधियों द्वारा दिनदहाड़े 2 लोगों की हत्या करने के बाद कर दिए जाने के बाद से रेलवे मुख्य अस्पताल के गेट के आसपास बिल्कुल सन्नाटा पसरा हुआ है। शनिवार पूरे दिन भी रेलवे मुख्य अस्पताल के बाहर ना तो कोई दुकानें खुली रही और ना ही कोई मरीज या मरीजों के परिजन आते जाते दिखे। रेलवे मुख्य अस्पताल कि मानो रौनक ही छिन गई हो। जहां सुबह से लेकर शाम तक चहल-पहल लगी रहती थी। मरीजों एवं उनके परिजनों का आना जाना लगा रहता था। वहीं, आज इस दहशत के माहौल में ना तो मरीज रेलवे मुख्य अस्पताल में आते दिखे और ना ही उनके परिजन।
दहशत के माहौल में काम करते दिखे चिकित्साकर्मी
रेलवे मुख्य अस्पताल के गेट पर शुक्रवार पहले सुबह हुए डबल मर्डर की घटना की वजह से ईस्ट कॉलोनी क्षेत्र में दहशत का माहौल देखा जा सकता है समूचे ईस्ट कॉलोनी क्षेत्र में सन्नाटा पसरा हुआ है रेलवे क्वार्टरों में रह रहे रेलकर्मी भी इस कॉलोनी क्षेत्र में खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। रेलवे मुख्य अस्पताल में कार्यरत नर्सों एवं चिकित्सकों ने भी खुद को असुरक्षित बताया। रेलवे मुख्य अस्पताल के चिकित्सकों एवं नर्सों ने नाम ना छापने की शर्त पर कहा कि रेलवे मुख्य अस्पताल में सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीज एवं चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए अस्पताल परिसर में एक भी गार्ड तक रेलवे द्वारा मुहैया नहीं कराई गई है। एक दशक पूर्व तक रेलवे मुख्य अस्पताल की सुरक्षा के लिए आरपीएफ के जवान तैनात किए जाते थे। मगर आज एक प्राइवेट सुरक्षा गार्ड तक नहीं है।
दुकानदारों से भी पुलिस कर रही पूछताछ
जमालपुर। नंदन एवं राकेश हत्याकांड की जांच में जुटी पुलिस किसी भी पहलू को नहीं छोड़ना चाहती। पुलिस अपने अनुसंधान के क्रम में रेलवे मुख्य अस्पताल के समीप घटनास्थल की बारीकी से पड़ताल करने में जुटी है। लोग बताते हैं कि पुलिस रेलवे मुख्य अस्पताल के आसपास के दुकानदारों से भी पूछताछ कर रही है। ताकि अपराधियों की पहचान एवं उन्हें पकड़ने में पुलिस को मदद मिल सके। इसके अलावा पुलिस मृतक नंदन कुमार एवं राकेश कुमार सिंह के परिजनों से भी इस केस में मदद करने की अपील की है। रेलवे मुख्य अस्पताल के पश्चिमी हिस्से में जहां राकेश घायल अवस्था में पड़ा था उस स्थल की भी पुलिस ने जांच कर हत्या का सुराग ढूंढने का प्रयास किया। इसके अलावा पुलिस स्टेडियम रोड स्थित राकेश कुमार सिंह के क्वार्टर के आसपास भी जांच कर रही है। अस्पताल के पिछले हफ्ते से गुजरने वाली सभी रास्तों कि जांच किया जा रहा है पुलिस को शक है कि अपराधियों ने घटना को अंजाम देने के बाद कुछ अपराधी लक्ष्मणपुर की ओर और कुछ जहां गिरा के रास्ते भाग निकले।
चार मोटरसाइकिल पर सवार थे हत्यारे
जमालपुर। पुलिस फिलहाल डबल मर्डर केस के अनुसंधान में जुटी है। हत्या एवं हत्यारों के बारे में अब तक पुलिस को कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई है। मगर, चर्चा यह भी है कि नंदन एवं राकेश अस्पताल गेट के सामने चाय पी रहे थे। तभी 4 मोटरसाइकिल पर सवार 8 अपराधियों ने नंदन के ऊपर ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दी। यह देख जब राकेश भागने के क्रम में हत्यारों की वीडियो अपने मोबाइल में कैद करने लगे, तो उन हत्यारों ने पहले तो राकेश को गोलियों से भून डाला। फिर उससे मोबाइल छीनने का प्रयास किया। बुरी तरह से घायल होने के बाद भी राकेश मोबाइल अपने कब्जे में किए हुए था। हत्यारों ने मोबाइल लेने के लिए राकेश को खूब घसीटा और आखिरकार मोबाइल छीन कर उसे तोड़कर उसके अंदर के सभी पुर्जों को निकालकर आराम से रफूचक्कर हो गए।
जमालपुर। रेल इंजन कारखाना जमालपुर में कार्यरत रेलकर्मियों की समुचित चिकित्सा व्यवस्था के लिए ईस्ट कॉलोनी के पूर्वी हिस्से पर स्थित रेलवे मुख्य अस्पताल जमालपुर के गेट के समीप शुक्रवार सुबह अपराधियों द्वारा दिनदहाड़े 2 लोगों की हत्या करने के बाद कर दिए जाने के बाद से रेलवे मुख्य अस्पताल के गेट के आसपास बिल्कुल सन्नाटा पसरा हुआ है। शनिवार पूरे दिन भी रेलवे मुख्य अस्पताल के बाहर ना तो कोई दुकानें खुली रही और ना ही कोई मरीज या मरीजों के परिजन आते जाते दिखे। रेलवे मुख्य अस्पताल कि मानो रौनक ही छिन गई हो। जहां सुबह से लेकर शाम तक चहल-पहल लगी रहती थी। मरीजों एवं उनके परिजनों का आना जाना लगा रहता था। वहीं, आज इस दहशत के माहौल में ना तो मरीज रेलवे मुख्य अस्पताल में आते दिखे और ना ही उनके परिजन।
दहशत के माहौल में काम करते दिखे चिकित्साकर्मी
रेलवे मुख्य अस्पताल के गेट पर शुक्रवार पहले सुबह हुए डबल मर्डर की घटना की वजह से ईस्ट कॉलोनी क्षेत्र में दहशत का माहौल देखा जा सकता है समूचे ईस्ट कॉलोनी क्षेत्र में सन्नाटा पसरा हुआ है रेलवे क्वार्टरों में रह रहे रेलकर्मी भी इस कॉलोनी क्षेत्र में खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। रेलवे मुख्य अस्पताल में कार्यरत नर्सों एवं चिकित्सकों ने भी खुद को असुरक्षित बताया। रेलवे मुख्य अस्पताल के चिकित्सकों एवं नर्सों ने नाम ना छापने की शर्त पर कहा कि रेलवे मुख्य अस्पताल में सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीज एवं चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए अस्पताल परिसर में एक भी गार्ड तक रेलवे द्वारा मुहैया नहीं कराई गई है। एक दशक पूर्व तक रेलवे मुख्य अस्पताल की सुरक्षा के लिए आरपीएफ के जवान तैनात किए जाते थे। मगर आज एक प्राइवेट सुरक्षा गार्ड तक नहीं है।
दुकानदारों से भी पुलिस कर रही पूछताछ
जमालपुर। नंदन एवं राकेश हत्याकांड की जांच में जुटी पुलिस किसी भी पहलू को नहीं छोड़ना चाहती। पुलिस अपने अनुसंधान के क्रम में रेलवे मुख्य अस्पताल के समीप घटनास्थल की बारीकी से पड़ताल करने में जुटी है। लोग बताते हैं कि पुलिस रेलवे मुख्य अस्पताल के आसपास के दुकानदारों से भी पूछताछ कर रही है। ताकि अपराधियों की पहचान एवं उन्हें पकड़ने में पुलिस को मदद मिल सके। इसके अलावा पुलिस मृतक नंदन कुमार एवं राकेश कुमार सिंह के परिजनों से भी इस केस में मदद करने की अपील की है। रेलवे मुख्य अस्पताल के पश्चिमी हिस्से में जहां राकेश घायल अवस्था में पड़ा था उस स्थल की भी पुलिस ने जांच कर हत्या का सुराग ढूंढने का प्रयास किया। इसके अलावा पुलिस स्टेडियम रोड स्थित राकेश कुमार सिंह के क्वार्टर के आसपास भी जांच कर रही है। अस्पताल के पिछले हफ्ते से गुजरने वाली सभी रास्तों कि जांच किया जा रहा है पुलिस को शक है कि अपराधियों ने घटना को अंजाम देने के बाद कुछ अपराधी लक्ष्मणपुर की ओर और कुछ जहां गिरा के रास्ते भाग निकले।
चार मोटरसाइकिल पर सवार थे हत्यारे
जमालपुर। पुलिस फिलहाल डबल मर्डर केस के अनुसंधान में जुटी है। हत्या एवं हत्यारों के बारे में अब तक पुलिस को कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई है। मगर, चर्चा यह भी है कि नंदन एवं राकेश अस्पताल गेट के सामने चाय पी रहे थे। तभी 4 मोटरसाइकिल पर सवार 8 अपराधियों ने नंदन के ऊपर ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दी। यह देख जब राकेश भागने के क्रम में हत्यारों की वीडियो अपने मोबाइल में कैद करने लगे, तो उन हत्यारों ने पहले तो राकेश को गोलियों से भून डाला। फिर उससे मोबाइल छीनने का प्रयास किया। बुरी तरह से घायल होने के बाद भी राकेश मोबाइल अपने कब्जे में किए हुए था। हत्यारों ने मोबाइल लेने के लिए राकेश को खूब घसीटा और आखिरकार मोबाइल छीन कर उसे तोड़कर उसके अंदर के सभी पुर्जों को निकालकर आराम से रफूचक्कर हो गए।
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