स्थापना दिवस को लेकर दुल्हन की तरह सजाया गया है कारखाना को
जमालपुर। रेल इंजन कारखाना जमालपुर में गुरुवार को 157 वा स्थापना दिवस मनाया जाएगा। रेल कारखाना के स्थापना दिवस की तैयारी को लेकर पूरे कारखाना को दुल्हन की तरह सजाया गया है। कारखाना के मुख्य द्वार गेट नंबर 1, गेट नंबर 3 एवं गेट नंबर 6 को फूलों एवं अन्य कृत्रिम लाइटों से सुसज्जित किया गया है। स्थापना दिवस को लेकर पूरे कारखाना में विगत कई महीनों से रंग रोशन का कार्य चल रहा था। रेल कारखाना के संयुक्त भवन स्थित मुख्य कारखाना प्रबंधक के कार्यालय एवं कारखाना के अन्य वरीय पदाधिकारियों के कार्यालयों को भी अच्छी तरह से सजाया गया है। संयुक्त भवन परिसर स्थित गार्डन में अंग्रेज जमाने के रखे गए इंजन को भी रंग रोहन कर सजा दिया गया है। यह वर्षों पुराना इंजन भी आज नई-नवेली दुल्हन की तरह सज-धज कर तैयार है। उधर भारतीय रेलवे यांत्रिक एवं विद्युत अभियंत्रण संस्थान को भी कारखाना के स्थापना दिवस को लेकर अच्छी तरह से सजाया गया है। 8 फरवरी 1862 को ईस्ट इंडिया रेलवे लोकोमोटिव वर्कशॉप के रूप में जमालपुर कारखाना की स्थापना हुई। इसका मुख्य उद्देश्य वाष्प इंजन का निर्माण था। आज यह अपनी स्थापना के 157 वें वर्ष पूरा कर रहा है। पिछले 156 वर्षो में जमालपुर रेल कारखाना ने कई उतार चढ़ाव झेले। देश की सियासी चाल, स्थानीय राजनीतिक पैंतरे व मान्यता प्राप्त यूनियनों की अधिकारियों की चाटुकारिता जमालपुर रेल कारखाना के विकास में सबसे बड़ी बाधक बनी रही। भारतीय रेलवे के इतिहास में जमालपुर कारखाना की स्थापना के बाद देश के कई जगहों पर रेल कारखानों की स्थापना हुई, और उन्हें निर्माण कारखाना का दर्जा मिल गया। मगर जमालपुर का दुर्भाग्य है कि 156 वर्ष बीतने के बाद भी जमालपुर रेल कारखाना को निर्माण कारखाना का दर्जा नहीं प्राप्त हो पाया है। देश की आजादी के बाद केंद्र में बिहार के नौ रेलमंत्री हुए। जिनमें जगजीवन राम, प्रो. केदार पाण्डेय, राम सुभग सिंह, ललित नारायण मिश्र, जार्ज फर्नांडिस, रामविलास पासवान, नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव, दिग्विजय सिंह का नाम शुमार हैं। लेकिन बिहार के इन सूरमाओं में से किसी ने जमालपुर कारखाना के भविष्य को संवारने का प्रयास तक नहीं किया। इसके विपरीत अपनी राजनीतिक लाभ के लिए रामविलास पासवान, नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव ने अपने रेलमंत्री कार्यकाल के दौरान अपने-अपने क्षेत्रों में नए रेल कारखाना स्थापित कर लिया। इतिहास में एशिया का पहला कारखाना की फेहरिस्त में सबसे ऊपर भारतीय रेल का यह कारखाना एशिया के अन्य देशों को नई राह दिखा चुकी है, आज वही कारखाना अपनी राह तलाशती फिर रही है। उम्दा तकनीकी कारीगरी और कार्य-कुशलता के बावजूद इसका सदुपयोग नहीं किया गया। आज वैगन, डीजल इंजन के पीओ एच एवं बीएलसी वैगन जमालपुर जैक 20 टन क्रेन के निर्माण के भरोसे यह बस सांसे ले रही है। जमालपुर रेल कारखाना ने आईआरईई 2017 में पूर्व रेलवे का प्रतिनिधित्व किया। विगत वर्ष वैगन निर्माण शॉप 5 एस प्रमाणित हो चुका है। जबकि रेल कारखाना जमालपुर आईएमएस सर्टिफाइड एवं आईएसओ 3834 मानक प्राप्त कर लिया है। इसके अतिरिक्त आईएसओ-5001 ग्रीनको रेटिंग सर्टिफिकेशन तथा एनएबीएल एक्रीडेशन प्राप्त करने की दिशा में जमालपुर रेल कारखाना अग्रसर है। मगर, पुराने रेल कर्मचारियों की लगातार सेवानिवृत्त होने व नए रेल कर्मचारियों की बहाली नहीं होने की स्थिति में जमालपुर रेल इंजन कारखाना अवनति की ओर जा रहा है।
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