Monday 7 May 2018

सफियासराय ओपी प्रभारी के खिलाफ एसपी से की शिकायत

दुर्भावना से प्रेरित ओपी प्रभारी के व्यवहार पर नेताओं ने जताया ऐतराज



जमालपुर। सफियासराय ओपी क्षेत्र अंतर्गत इंद्ररुख गांव निवासी समाजसेवी विकास कुमार ने आरक्षी अधीक्षक गौरव मंगला के समक्ष न्याय की गुहार लगाई है। विकास कुमार ने बताया कि 1 मई को इंद्ररुख गांव के बाहर बहियार में एक अज्ञात युवक की हुए हत्या के बारे में उन्हें स्थानीय लोगों से जानकारी मिली थी। जानकारी के मुताबिक उन्होंने इस बाबत जमालपुर के खुफिया विभाग के अधिकारी रामचरित्र यादव को दी। रामचरित्र यादव ने उक्त हत्या की घटना के बारे में संबंधित मुफस्सिल क्षेत्र के खुफिया विभाग के अधिकारी को देने की सलाह दी। तदुपरांत मुफस्सिल क्षेत्र के खुफिया विभाग के अधिकारी को उन्होंने दूरभाष से सूचना दी। उन्होंने कहा कि  एक सामाजिक कार्यकर्ता होने के नाते उसने बहियार में किसी अज्ञात व्यक्ति का शव पाए जाने की जानकारी मिलने के बाद सूचक के रूप में खुफिया विभाग को यह जानकारी दी थी। उक्त सूचना के आधार पर ही खुफिया विभाग के अधिकारी एवं सफियासराय ओपी प्रभारी बृजेश कुमार ने संयुक्त रूप से घटनास्थल पर जाकर अज्ञात व्यक्ति के शव को कब्जे में लेकर मामले की तहकीकात शुरू की। सफियासराय ओपी पुलिस अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए 2 मई को इंद्ररुख गांव निवासी डब्लू सिंह के माध्यम से फोन कर उन्हें मिलने का बुलावा भेजा। किसी कार्य में व्यस्तता होने की वजह से उन्होंने 2 मई की शाम में सफियासराय ओपी प्रभारी बृजेश कुमार से मुलाकात की। बृजेश कुमार ने कहा कि मुझे अधिक बोलने का शौक नहीं है तुम केवल मेरे दो सवालों का जवाब दे दो। पहला सवाल यह है कि मृतक कौन है और दूसरा इस अज्ञात व्यक्ति को मारने वाला कौन है। इन सवालों का जवाब ढूंढने के लिए तुम्हें 2 दिन का समय दिया जाता है यदि 2 दिनों के अंदर तुम इस गुत्थी को सुलझा लोगे तो तुम्हारे साथ कोई बुरा व्यवहार नहीं किया जाएगा। अन्यथा इस केस में तुम्हें सस्पेक्टेड साबित कर उक्त व्यक्ति की हत्या का आरोप तुम्हारे ऊपर गठित कर दिया जाएगा। उन्होंने एसपी से कहा है कि एक जिम्मेदार नागरिक के नाते मैंने पुलिस को सूचना दिया तो क्या मैन कुछ गलत किया। शव की शिनाख्त और हत्यारे को पुलिस ढूंढेगी या जो सूचक के खिलाफ ही पुलिस हत्या का आरोप गठित करने का  रौब जमाएगी। क्या यह मुझ पर पुलिसिया जुल्म नही है।

राजनीतिक हलकों में निंदा
राजद जिला महासचिव कन्हैया सिंह एवं कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष मो नुरुल्लाह ने कहा कि इंद्ररुख गांव के बाहर बहियार में एक अज्ञात युवक की शव ग्रामीणों के द्वारा देखे जाने के बाद समाजसेवी विकास कुमार द्वारा खुफिया विभाग को सूचना दिया जाना एक जिम्मेदार नागरिक द्वारा उठाया गया कदम है। किसी भी घटना अथवा दुर्घटना के बारे में पुलिस को किसी सूचक के माध्यम से ही ख़बर मिलती है। ऐसे में सफियासराय ओपी प्रभारी बृजेश कुमार द्वारा स्वच्छ छवि वाले समाजसेवी विकास कुमार के खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई की धमकी दिया जाना निंदनीय कदम है। राजद नेता मो मुख्तार ने भी पुलिस के इस रवैए पर एतराज जताया है।

Saturday 5 May 2018

पत्रकार सह सामाजिक कार्यकर्ता को हत्या की सूचना देना पड़ा महंगा, पुलिस कर रही प्रताड़ित



जमालपुर/मुंगेर। एक चर्चित समाचारपत्र के संवाददाता सह सामाजिक कार्यकर्ता विकास कुमार को अपने गांव जय ग्रामीणों से मिली किसी अज्ञात व्यक्ति की हत्या सूचना मिलने के बाद उसे खुफिया विभाग को सूचित करना काफी महंगा साबित हो रहा है। एक पत्रकार द्वारा घटना की सूचना खुफिया विभाग अथवा पुलिस को देने के बाद पुलिसिया प्रताड़ना मिलना, पुलिस की कारगुजारियों पर सवाल खड़ा करता है। मुंगेर पुलिस पदाधिकारियों की घटना के सूचक के साथ दादागिरी का व्यवहार कहीं ना कहीं पुलिस पब्लिक मैत्री के दावे को पूर्ण रूप से दिखावा साबित करती हैं।
पुलिसिया प्रताड़ना के शिकार विकास कुमार ने बताया कि मंगलवार 1 मई को शाम करीब 7 बजे अपने गाँव इंन्दुरूख के ग्रामीणों से पता चला कि गाँव के बाहर जो खलिहान है उसमें एक ब्यक्ति की लाश है, मैने इसकी सूचना जमालपुर के s b o को दिया उन्होंने मुफसिल क्षेत्र के s b o को बताने के लिए उनका नम्बर दिया।मैने उनसे संपर्क कर ग्रामीणों के द्वारा जो जानकारी मिली थी उनको बताया। उन्होंने किसको खलिहान पर भेजा मुझे नही पता।
घटना के अगले दिन गाँव के ही डब्लू सिंह नामक ब्यक्ति से मेरे मोबाइल पर दो बार फोन करके कहा गया कि सफियाबाद थाना में बड़ा बाबू बुला रहे है।मैने उनसे कहा कि शाम में 7 बजे के बाद मिल लूंगा क्योंकि मैं अभी कुछ काम मे व्यस्त हूँ। मै जब शाम में बड़ा बाबू से मिला तो वो हमसे पूछे कि मेरे दो सवाल का जबाब दे दो प्रथम- मृतक कौन है और दूसरा- मारने बाला कौन है हमको बता दो नही तो तुम भी इस केश में फंसोगे मैं तुम्हे 2 दिन का समय देता हूँ। तुम सस्पेक्टेड हो हम बड़े अधिकारी से बात कर लिए है हमको मदद करोगे तो ठीक नही तो तुम जाओगे।

अब आप लोग बताईये एक जिम्मेदार नागरिक के नाते मैंने पुलिस को सूचना दिया वो क्या गलत किया मैने।
शव की शिनाख्त और मारने बाले को पुलिस ढूंढेगी या जो सूचना देगा वो बताएगा क्या यह पुलिस का मुझ पर जुल्म नही है।



बिकास कुमार सिंह ने बताया कि मुझे ग्रामीणों के द्वारा पता चला था कि जमालपुर प्रखंड के इन्द्रुख गांव के खलिहान में अज्ञात लाश पड़ी है समाज सेवी के नाते मैं पुलिस को सुचना दे दी। सफियासरय ओपी प्रभारी ब्रजेश कुमार ने मेरे उपर ही दबिश बना शुरू कर दिया। समाज सेवी विकास कुमार के घर में दहशत का माहौल पैदा हो गया। विकास ने बताया कि अगर मुझे न्याय नहीं मिला तो मैं और पुरे परिवार अात्म हत्या कर लेंगे