जयपुर ।। सम्पादक पवन कुमार चौधरी व जयपुर ब्यूरोचीफ प्रीति श्रीवास्तव की संयुक्त रिपोर्ट ।। लोक आस्था का पर्व छठ पूजा मंगलवार को नहाय खाय के साथ आरंभ हो गया। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व को मुख्य रूप से बिहार एवं उत्तर प्रदेश के लोग मनाते हैं। बिहार से शुरू यह पर्व आज भारत के करीब सभी प्रदेशों में मनाया जाता है। इसके अलावा बिहार के निवासी विदेशों में भी काफी श्रद्धापूर्वक छठ पर्व को मनाते हैं।
राजस्थान की राजधानी जयपुर व कई अन्य शहरों में भी छठ पर्व को लेकर विशेष तैयारियां की गई हैं। विशेष आस्था के साथ मनाए जाने वाले इस पर्व के प्रथम दिन यानि कार्तिक शुल्क की चतुर्थी तिथि को नहाय-खाय के रूप में मनाते हैं। इसे कद्दू-भात के नाम से भी जाना जाता है। छठव्रती गंगा स्नान के बाद पूजा स्थल पर काफी श्रद्धापूर्वक चावल कद्दू युक्त दाल एवं कद्दू की सब्जी मुख्य रूप से पकाते हैं। दाल व सब्जी में साधारण नमक के स्थान पर सेंधा नमक का प्रयोग किया जाता है। शुद्धतापूर्वक बनाए गए इस भोजन को सबसे पहले छठ माता को भोग लगाया जाता है। जिसके बाद छठव्रती सेवन करती है। छठमाता को भोग लगाए गए प्रसाद को सगे-संबंधियों, मित्रों व परिवार के सदस्यों को दिया जाता है। छठव्रती नहाय खाय के बाद अगले दो दिनों तक नमक का सेवन नहीं करती है। पंचमी तिथि को दिन भर के उपवास के बाद छठव्रती शाम को पूरी-खीर अथवा पूरी-रसिया को भोग लगाकर उनका सेवन करती है। षष्ठी तिथि को भी निर्जला उपवास करने के बाद अस्ताचलगामी सूर्य को प्रथम अर्घ्य दिया जाता है। सप्तमी सुबह उदयाचलगामी सूर्य की अराधना व अर्घ्य के बाद पूजा-पाठ के उपरांत ही छठव्रती अपना व्रत खोलती है। बिहार में छठ पर्व की विशेष ही महत्ता है।
No comments:
Post a Comment
nhlivemunger@gmail.com