Tuesday, 20 June 2017

विश्व का अकेला योग विश्विद्यालय है मुंगेर में।विश्व के लिए मिसाल है मुंगेर का योगाश्रम।

एनएच लाइव बिहार के लिए प्रिंस दिलखुश की रिपोर्ट।

मुंगेर।जहां 21 जून को पूरा देश योग दिवस मनाएगा, वहीं बिहार राज्‍य भी सन् 1964 में स्‍थापित योग विद्यालय समेत अन्य स्‍थलों में योग दिवस मनाने के लिए पूरी तैयारी में है। योग दिवय के मौके पर हम आपको बताते हैं, 52 साल पहले बिहार के मुंगेर में स्थापित किए गए योग विद्यालय के बारे में। यही नही बल्कि जिसने पूरी दुनिया में योग के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण रोल निभाया है।

बिहार के मुंगेर में स्थित योग विद्यालय की गिनती योग के क्षेत्र में सबसे सम्मानित संस्थानों में होती है। इस विद्यालय ने योग को देश व दुनिया और जन-जन तक पहुंचाने का काम  किया है। स्वामी सत्यानंद सरस्वती जी ने योग विद्यालय की नींव रखी थी। उन्होंने इस केन्द्र की स्थापना कर दुनिया में योग का जो कार्य आरंभ किया वह आज विश्व के कोने-कोने में फैला हुआ है। हर कोई इस दिवस को काफी अच्‍छी तरह से मना रहे हैं।

स्वामी सत्यानंद सरस्वती की अमूल्य देन है योग विद्यालय।

1964 में हुई थी योग विद्यालय की स्थापना।

सत्यानंद सरस्वती ने किया था योग को वैज्ञानिक प्रमाणिकता के साथ स्थापित
बता दें कि इस योग विद्यालय की स्थापना 1964 में वसंत पंचमी के दिन की गई थी और स्वामी सत्यानंद सरस्वती ने अपने परम गुरु परमहंस स्वामी शिवानंद की स्मृति में अखंड दीप प्रज्वलित की थी। वह अखंड दीप आज भी प्रकाशित है। 52 वर्ष के सफर में बिहार योग विद्यालय विश्व के मानचित्र पर इस प्रकार स्थापित हुआ कि अब तक यहां तीन विश्व योग सम्मेलन हो चुके हैं। यही नहीं फ्रांस की शिक्षा पद्धति में भी सत्यानंद योग की पढ़ाई हो रही है। स्वामी सत्यानंद सरस्वती ने योग रिसर्च सेंटर की स्थापना कर सैकड़ों अनुशंसा की थी। उन्होंने योग को आम लोगों तक पहुंचा कर विश्व में योग क्रांति का जो कार्य आरंभ किया था उसी का परिणाम है कि आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग स्थापित हुआ है।

बाबा रामदेव ने कहा था कि स्वामी सत्यानंद महाराज ने योग की जो अलख जगाई थी उसे ही वह घर-घर तक पहुंचने में लगे हैं।

सत्यानंद सरस्वती 20 वीं शताब्दी के अंत तक योग को पूरे विश्व में फैलाने में सफल हुए। 1973 में मुंगेर में प्रथम विश्व योग सम्मेलन के माध्यम से देश व दुनिया का ध्यान योग की ओर केंद्रित किया। पुनः 20 वर्ष बाद 1993 में बिहार योग विद्यालय के स्वर्ण जयंती के अवसर पर द्वितीय विश्व योग सम्मेलन का आयोजन किया गया। पुनः स्वामी निरंजनानंद सरस्वती ने 2013 में मुंगेर में चौथे विश्व योग सम्मेलन के माध्यम से दुनिया में योग स्थापित कर दिया। इस विद्यालय में लोगों को योग पद्धति की शिक्षा दी जाती है।

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