मुंगेर, एनएच लाइव बिहार के लिए प्रिंस दिलखुश।
जमालपुर : एक ओर एक ट्वीट पर रेल मंत्री सुरेश प्रभु कड़ा एक्शन ले रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर विभागीय अधिकारी ही रेलवे को चपत लगा रहे हैं। इसका सबसे सटीक उदाहरण रेल कारखाना से गायब हुए 95 वैगन का मामला है। रेल अधिकारियों ने एक दो नहीं बल्कि 95 वैगन को गायब कर दिया। जिसकी कीमत करोड़ों रुपये आंकी जा रही है। अब देखना है कि रेल मंत्री सुरेश प्रभु चपत लगाने वालों से कैसे निपटेंगे।
इतने बड़े गबन में कई अधिकारियों की मिलीभगत है। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो इसमें भंडार से लेकर स्क्रैप मामले की देखरेख करने वालों की संलिप्तता है। इतने बड़े गड़बड़ी की जांच रेलवे को खुद कराना होगा। तभी जाकर मामले का खुलासा हो सकता है। हालांकि रेलवे विजलेंस जांच की ही बात कह रही है। इसके अलावा मामले की जांच करने अगले सप्ताह बोर्ड से अधिकारी भी जमालपुर आने वाले हैं।
बहरहाल अभी तक गबन का खुलासा होने के बाद आरपीएफ के आला अधिकारी से लेकर मुख्य काऱखाना इंजीनियर ने भी मामले की जांच की है। लेकिन अभी तक जांच में कोई खास उपलब्धि नहीं मिली है। शनिवार को गबन प्रकरण की जांच करने सीएमई आने वाले थे, लेकिन वे अब सात जून को पहुंचेंगे। वहीं 16 जून को मेंबर्स मैकेनिकल भी जमालपुर आने वाले हैं। इनके आने के बाद ही नए खुलासा होने की उम्मीद है।
रेलवे को अपने स्तर से करानी होगी जांच
जमालपुर रेल कारखाना से गायब हुए मालगाड़ी के वैगन प्रकरण में रेलवे को अपने स्तर से जांच करानी होगी। अभी तक मामले की जिन्होंने भी जांच की है सभी सम्बंधित जोन के हैं। लेकिन बोर्ड खुद अपने स्तर से जांच कराएगी तो कई चौकानें वाले खुलासे हो सकते हैं। मामला हाइ प्रोफाइल होने की वजह से रेलवे बोर्ड भी पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है। नीलामी के लिए रखे गए 95 वैगन गायब होने के मामले में कई बड़े व छोटे अधिकारियों पर गाज गिरना तय है। करीब 10 करोड़ रुपये से ज्यादा के हुए इस स्कैंडल में कई बड़ी मछलियों के फंसने की उम्मीद है।
रेलवे बोर्ड की कइयों पर है नजररेल इंजन कारखाना से वैगन गायब होने के मामले का खुलासा तो कर लिया गया है। घोटाले में कारखाना के बड़े अधिकारी, कई बाबू के साथ -साथ आरपीएफ की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। इधर, विजिलेंस की टीम भी इसकी तहकीकात करने में लग गई है। इस मामले में पूर्व मुख्य कारखाना प्रबंधक से भी पूछताछ हो सकती है।
जमालपुर : एक ओर एक ट्वीट पर रेल मंत्री सुरेश प्रभु कड़ा एक्शन ले रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर विभागीय अधिकारी ही रेलवे को चपत लगा रहे हैं। इसका सबसे सटीक उदाहरण रेल कारखाना से गायब हुए 95 वैगन का मामला है। रेल अधिकारियों ने एक दो नहीं बल्कि 95 वैगन को गायब कर दिया। जिसकी कीमत करोड़ों रुपये आंकी जा रही है। अब देखना है कि रेल मंत्री सुरेश प्रभु चपत लगाने वालों से कैसे निपटेंगे।
इतने बड़े गबन में कई अधिकारियों की मिलीभगत है। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो इसमें भंडार से लेकर स्क्रैप मामले की देखरेख करने वालों की संलिप्तता है। इतने बड़े गड़बड़ी की जांच रेलवे को खुद कराना होगा। तभी जाकर मामले का खुलासा हो सकता है। हालांकि रेलवे विजलेंस जांच की ही बात कह रही है। इसके अलावा मामले की जांच करने अगले सप्ताह बोर्ड से अधिकारी भी जमालपुर आने वाले हैं।
बहरहाल अभी तक गबन का खुलासा होने के बाद आरपीएफ के आला अधिकारी से लेकर मुख्य काऱखाना इंजीनियर ने भी मामले की जांच की है। लेकिन अभी तक जांच में कोई खास उपलब्धि नहीं मिली है। शनिवार को गबन प्रकरण की जांच करने सीएमई आने वाले थे, लेकिन वे अब सात जून को पहुंचेंगे। वहीं 16 जून को मेंबर्स मैकेनिकल भी जमालपुर आने वाले हैं। इनके आने के बाद ही नए खुलासा होने की उम्मीद है।
रेलवे को अपने स्तर से करानी होगी जांच
जमालपुर रेल कारखाना से गायब हुए मालगाड़ी के वैगन प्रकरण में रेलवे को अपने स्तर से जांच करानी होगी। अभी तक मामले की जिन्होंने भी जांच की है सभी सम्बंधित जोन के हैं। लेकिन बोर्ड खुद अपने स्तर से जांच कराएगी तो कई चौकानें वाले खुलासे हो सकते हैं। मामला हाइ प्रोफाइल होने की वजह से रेलवे बोर्ड भी पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है। नीलामी के लिए रखे गए 95 वैगन गायब होने के मामले में कई बड़े व छोटे अधिकारियों पर गाज गिरना तय है। करीब 10 करोड़ रुपये से ज्यादा के हुए इस स्कैंडल में कई बड़ी मछलियों के फंसने की उम्मीद है।
रेलवे बोर्ड की कइयों पर है नजररेल इंजन कारखाना से वैगन गायब होने के मामले का खुलासा तो कर लिया गया है। घोटाले में कारखाना के बड़े अधिकारी, कई बाबू के साथ -साथ आरपीएफ की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। इधर, विजिलेंस की टीम भी इसकी तहकीकात करने में लग गई है। इस मामले में पूर्व मुख्य कारखाना प्रबंधक से भी पूछताछ हो सकती है।
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