जयपुर || नवाहिन्दुस्तान न्यूज़ राजस्थान कार्यालय से ब्यूरो चीफ प्रीती श्रीवास्तव की रिपोर्ट || कत्थक मेरे लिए एक नृत्य नहीं बल्कि मेरे जीवन का एक हिस्सा है, जो मैने अपने पिता सह गुरू वृजकिशोर श्रीवास्तव से विरासत के रूप में प्राप्त किया है। विरासत में मिले इस बहुमूल्य उपहार को सुरक्षित व संजोए रखना मेरी प्राथमिकता है। उक्त बातें मंगलवार को कत्थक नृत्य में कई पुरस्कार हासिल करने वाले युवा कलाकार चित्रांश श्रीवास्तव ने कही। चित्रांश ने कहा कि कत्थक नृत्य के माध्यम से वह अपनी एक अलग पहचान बनाना चाहते हैं। अपनी पढ़ाई के साथ-साथ वह कत्थक को भी भरपूर समय देते हैं। उन्होंने कहा कि मेरे पिता के साथ-साथ मेरी मां का भी सहयोग मुझे प्राप्त हो रहा है। मेरे माता-पिता मेरे लिए प्रेरणा श्रोत हैं। उनके योगदान के दम पर ही वह लगातार आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं।
बताते चलें कि 7 सितम्बर को कत्थक नृत्य गुरु स्व. बाबूलाल पाटनी की स्मृति में जयपुर स्थित महावीर पब्लिक स्कूल में में आयोजित इंटर स्कूल कत्थक डांस कॉम्पिटिशन कत्थक नृत्य प्रतियोगिता में उभरते प्रतिभावान कलाकारों ने अपने रंग बिखेरे थे। इस नृत्य प्रतियोगिता में चित्रांश ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया था।
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