नवहिन्दुस्तान न्यूज़ लाइव बिहार से प्रिंस दिलखुश।
बिहार में पूर्ण शराबबंदी का कानून है।जिसके तहत बिहार में कहीं भी शराब मिल जाए तो आपको दण्ड भुगतना होगा। लेकिन एक अच्छी खबर ये है कि बिहार में बनी शराब को दो महीने के भीतर बिहार से बाहर ले जाया जा सकता है।इसकी अनुमति सुप्रीम कोर्ट ने दी है।साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा है कि सारे शराब निर्माता 5 अप्रैल 2017 तक शराब के स्टॉक की जानकारी राज्य सरकार को दे दें।
आपको बता दें कि शराब निर्माताओं की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।याचिका के तहत शराब निर्माताओं ने मांग किया था कि शराब के स्टॉक को कम से कम बिहार से बाहर ले जाने की अनुमति दी जाए। क्योंकि,राज्य सरकार ने लाइसेंस नवीनीकरण से साफ मना कर दिया है। इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने यह आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने भी इसके लिए कुछ शर्तें जारी की हैं।जिन्हें पूरा करने के बाद ही शराब को बाहर ले जाया सकता है।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बनी शराब के स्टॉक का सत्यापन करने के बाद उन्हें राज्य से बाहर ले जाने की परमिट दी जाएगी।सरकार के प्रधान अपर महाधिवक्ता ललित किशोर ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार 31 मार्च के बाद किसी भी शराब निर्माता कंपनी का लाइसेंस नवीनीकरण नहीं करेगी।
आप ले जा सकेंगे बिहार से बाहर शराब।सुप्रीम कोर्ट ने बिहार से बाहर शराब ले जाने के लिए कुछ शर्तें निर्धारित की है। जिनके पालन बगैर शराब बाहर नहीं जा सकेगा।स्टॉक जिनके पास भी है,उन्हें पहले उसकी जानकारी राज्य सरकार को 5 अप्रैल 2017 के पहले तक देनी होगी।
उन्हें कारणों को भी बताना होगा जिनके चलते शराब अभी तक बची रह गई है। सरकार इसके बाद वेरिफिकेशन कराएगी।सत्यापित होने के बाद ही शराब बिहार से बाहर ले जाया सकता है।
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