मुंगेर के जमालपुर में धरना प्रदर्शन कार्यक्रम करते हुए सरकार के विरोध में आंगनवाड़ी सेविका-सहायिका एवं कार्यकर्ताओं ने लगाये नितीश कुमार खोलो कान,नहीं तो होगा चक्का जाम के नारे।
नवहिन्दुस्तान न्यूज़ लाइव बिहार/मुंगेर से प्रिंस दिलखुश।
हमारी 16 सूत्री मांगों को नज़रंदाज़ करना महँगा पड़ेगा सरकार को,अगामी 10 अप्रैल को जेल भरो आंदोलन अभियान को दिया जायेगा अंजाम : अनीता कुमारी।
मुंगेर/जमालपुर - बिहार राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन के बैनर तले शुक्रवार को अपनी 16 सूत्री मांगों को लेकर जमालपुर पेट्रोल पंप परिसर में जमालपुर परियोजना अध्यक्ष अनीता कुमारी के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित किया गया।
धरना प्रदर्शन कार्यक्रम के दौरान परियोजना अध्यक्ष अनीता कुमारी ने कहा कि अगामी 10अप्रैल को जिला मुख्यालय में जेल भरो अभियान के तहत आंगनवाड़ी सेविका-सहायिका एवं कार्यकर्ता गिरफ़्तारी देंगे।
इस धरना प्रदर्शन कार्यक्रम के अवसर पर मुख्य रूप से परियोजना सचिव कल्याणी सिंह,मंजू देवी,बबिता कुमारी, संध्या कुमारी,सीता कुमारी,संगीत कुमारी,जूही,शकुन्तला, रीता,मधुरानी,डोमनी देवी,दीप्ती कुमारी,सरस्वती, ममता सहित दर्ज़नो आंगनवाड़ी सेविका-सहायिका मौजूद थी।
आइये आपको बताते है,आंगनवाड़ी सेविका-सहायिका की मुख्य मांग क्या है?...!!!
मुख्य मांगो में गोवा और तेलंगाना राज्य की भांति बिहार सरकार द्वारा भी साथ हजार रुपए सेविका और 45 सौ रुपए सहायिका को अतिरिक्त प्रोत्साहन मानदेय राशि दिया जाए।
आंगनबाड़ी सेविका सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देते हुए सेविका को क्लास थ्री(3) एवं सहायिका को क्लास फोर(4) के रूप में समायोजित किया जाए।जब तक हम सबको सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं मिलता तब तक सेविका को 18,000 रूपय और सहायिका को 10,000 रूपय मानदेय राशि दिया जाए,तथा काम का समय 8 घंटा निर्धारित किया जाए।
स्वास्थ्य चिकित्सा सुविधा एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा सुविधा उपलब्ध कराई जाए।सेवा निवृति की उम्र सीमा 60 वर्ष से 65 वर्ष किया जाए तथा 60 वर्ष में हटाने की कार्रवाई पर रोक लगाई जाए।सेवा निवृति के पश्चात 5000 रुपए मासिक पेंशन या एकमुश्त 5लाख रुपया दिया जाए।
हड़ताल अवधि का मानदेय न काटकर कार्य में समायोजन किया जाए।जबतक कर्मचारी का दर्जा नहीं मिलता चुनाव लड़ने तथा अन्य तरह की सुविधाओं पर से रोक हटाया जाए।मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों की सेविका को भी सामान मानदेय राशि एवं अन्य सुविधा उपलब्ध कराया जाए।आंगनवाड़ी सेविका सहायिका की मार्गदर्शिका में नियमानुकूल आवश्यक संशोधन किया जाए।
श्रम कानून में संशोधन,निजीकरण,उदारीकरण,ठेका प्रथा,मानदेय प्रथा पर रोक लगाई जाए। सेविका को सुपरवाइजर एवं सहायिका को सेविका के पद पर प्रमोशन दिया जाए।तथा उम्र सीमा समाप्त किया जाए।अवैध ढंग से चयन रद्द करना बंद किया जाए।तथा न्यायिक प्रक्रिया को सुलभ बनाया जाए।सेवा निर्वित पेंशन ग्रेच्यूटी और प्रोविडेंट फंड सहित सभी सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराया जाए।
सेवाकाल में मृत्यु होने पर योग्यता अनुसार अनुकंपा के आधार पर उनके आश्रितों की बहाली की जाए।
आईसीडीएस का किसी तरह का निजीकरण नहीं किया जाए ,और गैर जीविका,सरकारी संगठनों,स्वयं सहायता समूहों,कॉरपोरेट आदि को सौंपने की साजिश पर रोक लगाई जाए।
नवहिन्दुस्तान न्यूज़ लाइव बिहार/मुंगेर से प्रिंस दिलखुश।
हमारी 16 सूत्री मांगों को नज़रंदाज़ करना महँगा पड़ेगा सरकार को,अगामी 10 अप्रैल को जेल भरो आंदोलन अभियान को दिया जायेगा अंजाम : अनीता कुमारी।
मुंगेर/जमालपुर - बिहार राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन के बैनर तले शुक्रवार को अपनी 16 सूत्री मांगों को लेकर जमालपुर पेट्रोल पंप परिसर में जमालपुर परियोजना अध्यक्ष अनीता कुमारी के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित किया गया।
धरना प्रदर्शन कार्यक्रम के दौरान परियोजना अध्यक्ष अनीता कुमारी ने कहा कि अगामी 10अप्रैल को जिला मुख्यालय में जेल भरो अभियान के तहत आंगनवाड़ी सेविका-सहायिका एवं कार्यकर्ता गिरफ़्तारी देंगे।
इस धरना प्रदर्शन कार्यक्रम के अवसर पर मुख्य रूप से परियोजना सचिव कल्याणी सिंह,मंजू देवी,बबिता कुमारी, संध्या कुमारी,सीता कुमारी,संगीत कुमारी,जूही,शकुन्तला, रीता,मधुरानी,डोमनी देवी,दीप्ती कुमारी,सरस्वती, ममता सहित दर्ज़नो आंगनवाड़ी सेविका-सहायिका मौजूद थी।
आइये आपको बताते है,आंगनवाड़ी सेविका-सहायिका की मुख्य मांग क्या है?...!!!
मुख्य मांगो में गोवा और तेलंगाना राज्य की भांति बिहार सरकार द्वारा भी साथ हजार रुपए सेविका और 45 सौ रुपए सहायिका को अतिरिक्त प्रोत्साहन मानदेय राशि दिया जाए।
आंगनबाड़ी सेविका सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देते हुए सेविका को क्लास थ्री(3) एवं सहायिका को क्लास फोर(4) के रूप में समायोजित किया जाए।जब तक हम सबको सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं मिलता तब तक सेविका को 18,000 रूपय और सहायिका को 10,000 रूपय मानदेय राशि दिया जाए,तथा काम का समय 8 घंटा निर्धारित किया जाए।
स्वास्थ्य चिकित्सा सुविधा एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा सुविधा उपलब्ध कराई जाए।सेवा निवृति की उम्र सीमा 60 वर्ष से 65 वर्ष किया जाए तथा 60 वर्ष में हटाने की कार्रवाई पर रोक लगाई जाए।सेवा निवृति के पश्चात 5000 रुपए मासिक पेंशन या एकमुश्त 5लाख रुपया दिया जाए।
हड़ताल अवधि का मानदेय न काटकर कार्य में समायोजन किया जाए।जबतक कर्मचारी का दर्जा नहीं मिलता चुनाव लड़ने तथा अन्य तरह की सुविधाओं पर से रोक हटाया जाए।मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों की सेविका को भी सामान मानदेय राशि एवं अन्य सुविधा उपलब्ध कराया जाए।आंगनवाड़ी सेविका सहायिका की मार्गदर्शिका में नियमानुकूल आवश्यक संशोधन किया जाए।
श्रम कानून में संशोधन,निजीकरण,उदारीकरण,ठेका प्रथा,मानदेय प्रथा पर रोक लगाई जाए। सेविका को सुपरवाइजर एवं सहायिका को सेविका के पद पर प्रमोशन दिया जाए।तथा उम्र सीमा समाप्त किया जाए।अवैध ढंग से चयन रद्द करना बंद किया जाए।तथा न्यायिक प्रक्रिया को सुलभ बनाया जाए।सेवा निर्वित पेंशन ग्रेच्यूटी और प्रोविडेंट फंड सहित सभी सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराया जाए।
सेवाकाल में मृत्यु होने पर योग्यता अनुसार अनुकंपा के आधार पर उनके आश्रितों की बहाली की जाए।
आईसीडीएस का किसी तरह का निजीकरण नहीं किया जाए ,और गैर जीविका,सरकारी संगठनों,स्वयं सहायता समूहों,कॉरपोरेट आदि को सौंपने की साजिश पर रोक लगाई जाए।
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