Friday, 12 October 2018

विगत कई वर्षों से मारवाड़ी धर्मशाला कमेटी का नहीं हुआ चुनाव


बिना चुनाव के चल रही है वर्तमान कमेटी, पदाधिकारियों एवं सदस्यों के बीच अंदरूनी घमासान
4 पदाधिकारियों के अलावा अन्य सदस्यों को अध्यक्ष ने बताया फर्जी
 


जमालपुर। मारवाड़ी धर्मशाला जमालपुर कमिटी का चुनाव विगत कई वर्षों से लंबित होने की वजह से धर्मशाला कमेटी के वर्तमान पदाधिकारियों एवं सदस्यों के बीच अंदरूनी घमासान एवं कलह की स्थिति पैदा हो गई है। खुले तौर पर कोई भी सदस्य पदाधिकारियों की विश्वसनीयता पर बोलने से कतराते हैं, मगर भीतरखाने से धर्मशाला कमेटी के सदस्यों में बिना चुनाव के ही पदाधिकारी बने लोगों के रवैये से काफी नाराज चल रहे हैं। सदस्यों का मानना है कि कुछ लोग मौखिक तौर पर धर्मशाला कमेटी के पदाधिकारी बन बैठे हैं। और धर्मशाला से जुड़े मामलों में अपनी मनमानी चलाते हुए सदस्यों को दरकिनार कर रखा है। धर्मशाला से जुड़े मामलों में उन लोगों की कोई सलाह नहीं ली जाती है। यह विवाद तब और गहराने लगा, जब एक समाचार पत्र में धर्मशाला स्थित दुर्गा मंदिर से जुड़ी खबर प्रकाशन के बाद खुद को अध्यक्ष बताने वाले गिरिधर संघई ने पहले तो दुर्गा मंदिर के फोटो खींचने पर सवाल उठाया। फिर, खबर में अंकित सदस्यों के नाम को ही फर्जी करार दिया। उन्होंने कहा कि धर्मशाला कमेटी में उनके अलावा मंत्री सुजीत संघई, पूजा संयोजक गोपीराम संघई ही पदाधिकारी हैं। बाकी अन्य लोग जो खुद को सदस्य बताते हैं, फर्जी हैं। इधर, मारवाड़ी धर्मशाला कमेटी से जुड़े मारवाड़ी समाज के कुछ लोगों ने गिरिधर संघई के इस टिप्पणी पर एतराज जताया है। नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर उन्होंने बताया कि मारवाड़ी धर्मशाला कमिटी का चुनाव नहीं होने की स्थिति में गिरिधर संघई जबरन अध्यक्ष पद पर काबिज होते हुए तत्कालीन अध्यक्ष से धर्मशाला की चाबी व अन्य आवश्यक दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिया। जिसके बाद से मारवाड़ी धर्मशाला के हर मामले में गिरिधर संघई अपनी मनमानी करते आ रहे हैं। चुनाव हो पाने की स्थिति में धर्मशाला कमेटी का बैंक अकाउंट भी बंद पड़ा है। ऐसे में धर्मशाला के आय-व्यय का भी कोई लेखा-जोखा सार्वजनिक नहीं किया जाता है। सदस्यों को फर्जी बताने वाले पदाधिकारी ही खुद फर्जी हैं।

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