Sunday 16 December 2018

रोजगार की मांग को लेकर स्किल्ड बेरोजगार युवाओं ने भरी हुंकार मन की बात करने वाले युवाओं, बेरोजगारों, मजदूरों एवं किसानों की नहीं करते बात : चांदसी पासवान




जमालपुर। बेरोजगार युवाओं को रोजगार मुहैया कराने एवं युवा छात्रों को बेहतर भविष्य देने की मांग को लेकर रविवार को रामपुर कॉलोनी पानी टंकी मैदान में स्किल्ड बेरोजगार युवा सम्मेलन आयोजित की गई। सम्मेलन में रेलवे एक्ट अप्रेंटिस एसोसिएशन से जुड़े अप्रेंटिस प्रशिक्षु, उद्यमिता विकास के क्षेत्र में प्रशिक्षण प्राप्त युवा बेरोजगार मुख्य रूप से शामिल थे। हजारों की संख्या में इकट्ठा हुए युवा बेरोजगारों ने खुले मंच से केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार से रोजगार की मांग उठाई। सम्मेलन की अध्यक्षता ऑल इंडिया एक्ट अप्रेंटिस एसोसिएशन के उपाध्यक्ष चंदन पासवान एवं मंच संचालन जमालपुर शाखा अध्यक्ष अनिल गुप्ता ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में ऑल इंडिया एक्ट अप्रेंटिस एसोसिएशन के महासचिव आशीष मिश्रा, महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष भरत परदेसी साहिगण, राहुल वरनकर, दाऊ ठाकुर, चितरंजन अध्यक्ष विष्णु कांत, अनुज श्रीवास्तव, पंकज चौरसिया मौजूद थे। सह-संचालन जमालपुर शाखा के मीडिया प्रभारी अजय चंद्रा ने किया।

स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया एवं उद्यमिता विकास सरकार का छलावा : महासचिव

महासचिव आशीष मिश्रा ने कहा कि स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया एवं उद्यमिता विकास का ढिंढोरा पीटने वाली केंद्र की वर्तमान मोदी सरकार युवाओं एवं बेरोजगारों के साथ छलावा कर रही है। स्किल्ड बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराने की दिशा में ना तो केंद्र सरकार द्वारा पहल किया जा रहा है और राज्य सरकार द्वारा। चुनाव के समय सरकार को युवाओं की याद आती है। मगर, सत्ता आते ही हम युवाओं को सरकार भूल जाती है। सरकार हम युवाओं को केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करती है। चुनाव के समय लोकलुभावन वायदों एवं जात-पात व धर्म-समुदाय के नाम पर हम युवा दिग्भ्रमित हो जाते हैं। जिसका नतीजा हमें ताउम्र भुगतना पड़ता है। प्रत्येक वर्ष लाखों बेरोजगार युवाओं की संख्या में बढ़ोतरी होती जा रही है। उपाध्यक्ष चंदन पासवान ने कहा कि रेल के इतिहास में प्रशिक्षण प्राप्त अप्रेंटिस प्रशिक्षुओं को कभी भी बेरोजगार रहने की नौबत नहीं आई थी। लेकिन वर्तमान सरकार द्वारा अप्रेंटिस प्रशिक्षुओं को रोजगार नहीं दिया जा रहा। देश के स्किल्ड युवा बेरोजगारी से तंग आकर अपनी जीवन लीला को समाप्त कर रहे हैं। बावजूद, मानवाधिकार द्वारा इस पर संज्ञान नहीं लिया जा रहा। कौशल राज, राजेश कुमार, राम कुमार, समीर पटेल, रामप्रवेश कुमार, पुष्कर पटेल, सागर, संतोष, कनिस कुमार, प्रेम, मनीष, शशि शास्त्री, गोविंदा कुमार, राहुल, बंटी कुमार, अमित, विक्की रिचर्ड एवं नवीन कुमार ने कहा कि अप्रेंटिस प्रशिक्षु एनसीवीटी/एनएसी द्वारा प्रमाणित सर्टिफिकेट प्राप्त किए हुए हैं, जो कुशल कारीगर की श्रेणी में आते हैं। फिर भी हमें रोजगार देने से वंचित क्यों रखा गया है। अप्रेंटिस यूनियन के पदाधिकारियों ने अपनी मांग में कहा कि ग्रुप-डी बहाली में 20% को रद्द करके पुरानी नियम के तहत अप्रेंटिस प्रशिक्षु को बहाल किया जाए, अप्रेंटिस यूनियन के आंदोलन में छात्रों पर दर्ज किया गया मुकदमा वापस लिया जाए, प्रशिक्षण समाप्ति के 6 माह के अंदर रेलवे द्वारा प्रशिक्षुओं को समायोजित किया जाए, रेलवे में नियुक्ति नहीं मिलने की स्थिति में मासिक 10000 रुपया बेरोजगारी भत्ता के रूप में दिया जाए, बेरोजगारी से तंग आकर आत्महत्या करने वाले अप्रेंटिस प्रशिक्षण को मुआवजा देते हुए परिवार के एक सदस्य को रेलवे में नौकरी दी जाए, सेवानिवृत्त रेल कर्मियों के पुनर्नियोजन को रद्द कर अप्रेंटिस की नियुक्ति की जाए।

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