Sunday 28 October 2018

पैसो के चक्कर में बच्चे की जान का खतरा, सावधान कहीं आप भी अपने बच्चों को विद्यालय के वाहन से विद्यालय तो नहीं भेजते

 खतरे में मासूम बच्चे की जान ,स्कूल की 10 सीटर मैजिक वाहन में मिले कई 21 से ज्यादा मासूम बच्चे।
* आखिर इतना लापरवाह क्यों हैं विद्यालय के प्रशासन*
* क्या विद्यालय के प्रशासन पैसे के चक्कर में मासूम बच्चे की जान से लॉटरी खेलते हैं*
*आखिर डीटीओ का ध्यान क्यों नहीं जाता स्कूलों के विद्यालय की वाहन पर*
*क्यों हाथ धोकर पीछे पड़े हुए हैं बच्चों की जान लेने में स्कूल प्रशासन*
ये मामला प्रकाश में आया जब रोज की तरह छोटी केशवपुर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर प्रेम आनंद तिवारी जब विद्यालयों मैं छुट्टी हुई तो कुछ बच्चे विद्यालय के बाहर से ही आवागमन करते हैं बच्चे के माता-पिता इसलिए विद्यालय के वाहन में आवागमन करते हैं ताकि हमारा बच्चा सुरक्षित रहें परंतु विद्यालय प्रशासन पैसे के चक्कर में 10 से 12 सीटर की वाहन में 20 से अधिक बच्चों को धकेल कर बैठ आते हैं बता दें कि ऐसा ही मामला बिगत 2 वर्ष पूर्व मानव कथा श्री माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मानव कतार श्रृंखला का आयोजन किया गया था जिसमें कि स्कूली बच्चे भी इस कार्यक्रम में उपलब्ध थे सभी किसी अन्य जिले में एक गाड़ी में 30 बच्चे को फसा दे दिए भड़क पड़े और गाड़ी को जप्त कर लिया

मुंगेर जिले के जमालपुर थाना क्षेत्र छोटी केशोपुर

प्रेमानंद तिवारी सरस्वती शिशु मंदिर केशोपुर जमालपुर कि हम बात कर रहे हैं जहां बसों में बच्चों को ठुस- ठुसकर भरा गया था।यह देखकर हमारे संवाददाता हैरान रह गऐ। उन्होने मौके पर मौजूद ड्राइवर से बात की तो ड्राइवर ने भी स्वीकार किया कि 21 बच्चे को हम लाते हैं।इस मामले मे लापरवाही की पड़ताल पूरी होने के बाद स्कूल संचालकों के पास पहुंचे जहां स्कूल संचालक संजीव कुमार पाठक के पास पहुंचे तो उन्होंने थाना मे केस करने का धौस दिखाया। और हमारे कैमरामैन के कैमरा भी छीनने का प्रयास किया साथ ही साथ उन्होंने कैमरे की नजर से बचना चाहा कैमरे के सामने बोलने से इनकार किया उन्होंने कहा क्या बोला जरा सुने ।
इसी बीच प्रधानाचार्य संजीव कुमार पाठक के कार्यालय में हमारे रिपोटर पहुँचे वो काफी इस सवाल पर आपना आप खोते हुए थाने मैं केस करने की धमकी तक दे दिया । अब जरा समझिए कि आखिर इतने बच्चों के जान से खेलने का अधिकार कौन दिया है । जरा सोचिए इनके लापरवाही से कितने बच्चे की जान भी जा सकती है।जब इस बात को डीटीओ साहेब से पूछा गया तो उन्होंने
दिया कार्रवाई का आश्वासन
जप्त होंगे ऐसे  स्कूली वाहन
सुप्रीम कोर्ट का भी आदेश है गाड़ी में जाली होना चाहिए ।।


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