सूफी गायक प्यारेलाल वडाली के निधन पर हंसपूरी संगीत घराना ने जताया शोक
जमालपुर। अमृतसर के प्रसिद्ध सूफी गायक जोड़ी वडाली ब्रदर्स में उस्ताद पूरनचंद वडाली के छोटे भाई एवं शागिर्द प्यारेलाल वडाली की अकस्मात निधन पर हंसपूरी संगीत घराना ने शोक व्यक्त किया है। हंसपूरी संगीत घराने के तत्वाधान में आयोजित शोक सभा में प्रशांत हंसपुरी एवं अंजली कुमारी ने बताया कि पद्मश्री उस्ताद पूरनचंद वडाली के साथ जोड़ीदार के रूप में प्यारेलाल वडाली ने संगीत की दुनिया को जो अनमोल तोहफा दिया है, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। तू माने या ना माने दिलदारा जैसे सूफियाना गीतों से वडाली ब्रदर्स संगीत के दीवानों को झकझोर कर रख देते थे। उनके गाए गीत सदा संगीत प्रेमियों के दिलों में गूंजता रहेगा। हंसपुरी संगीत घराना परिवार से जुड़े साहित्य, संगीत, कला प्रेमियों ने शोक व्यक्त करते हुए भारतीय सूफी संगीत को विश्व स्तर पर एक नया आयाम देने वाली जोड़ी टूट जाने पर खेद व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह कला-संस्कृति जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। इस दौरान प्यारे लाल बडाली की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। मौके पर अधिवक्ता सह रंगकर्मी वीर कुमार राय, गजल गायक विद्यासागर हंसपुरिया, संगीत व्याख्याता प्रो कुमार राम अवध, लोक गायक मुनीन्द्र कुमार निराला एवं कवि सह गायक सदानंद सिंह यादव मौजूद थे।
जमालपुर। अमृतसर के प्रसिद्ध सूफी गायक जोड़ी वडाली ब्रदर्स में उस्ताद पूरनचंद वडाली के छोटे भाई एवं शागिर्द प्यारेलाल वडाली की अकस्मात निधन पर हंसपूरी संगीत घराना ने शोक व्यक्त किया है। हंसपूरी संगीत घराने के तत्वाधान में आयोजित शोक सभा में प्रशांत हंसपुरी एवं अंजली कुमारी ने बताया कि पद्मश्री उस्ताद पूरनचंद वडाली के साथ जोड़ीदार के रूप में प्यारेलाल वडाली ने संगीत की दुनिया को जो अनमोल तोहफा दिया है, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। तू माने या ना माने दिलदारा जैसे सूफियाना गीतों से वडाली ब्रदर्स संगीत के दीवानों को झकझोर कर रख देते थे। उनके गाए गीत सदा संगीत प्रेमियों के दिलों में गूंजता रहेगा। हंसपुरी संगीत घराना परिवार से जुड़े साहित्य, संगीत, कला प्रेमियों ने शोक व्यक्त करते हुए भारतीय सूफी संगीत को विश्व स्तर पर एक नया आयाम देने वाली जोड़ी टूट जाने पर खेद व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह कला-संस्कृति जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। इस दौरान प्यारे लाल बडाली की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। मौके पर अधिवक्ता सह रंगकर्मी वीर कुमार राय, गजल गायक विद्यासागर हंसपुरिया, संगीत व्याख्याता प्रो कुमार राम अवध, लोक गायक मुनीन्द्र कुमार निराला एवं कवि सह गायक सदानंद सिंह यादव मौजूद थे।
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