जमालपुर। एनएच-80 पर गौरीपुर स्थित यूनिक प्राइवेट आईटीआई संस्थान में संचालित हो रहे आईटीआई की परीक्षा के दौरान छात्रों की उपस्थिति को लेकर बड़ा ही गड़बड़झाला नजर आया। iti परीक्षा में धांधली को देखते हुए इस वर्ष आईटीआई की परीक्षा राज्य सरकार सख्ती से कराने का दम भर रही है। इसके लिए प्राइवेट आईटीआई संस्थानों के शिक्षकों को हटाकर वहां कदाचार मुक्त परीक्षा संचालित करने के लिए सरकारी अधिकारियों को नियुक्त किया गया है। सरकार द्वारा इतनी शक्ति बरते जाने के बावजूद सरकारी निर्देशों का कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है। एक ओर जहां परीक्षा केंद्रों पर कदाचार का बोलबाला है वहीं दूसरी ओर छात्रों की उपस्थिति में ही गड़बड़झाला देखने को मिला। शुक्रवार को गौरीपुर स्थित यूनिक प्राइवेट आईटीआई संस्थान में छात्रों की उपस्थिति को लेकर केंद्राधीक्षक द्वारा अलग-अलग आंकड़े प्रस्तुत किए गए। मौके पर केंद्राधीक्षक के रूप में तैनात बेगूसराय आईटीआई संस्थान के प्राध्यापक अमरेश पासवान ने परीक्षा केंद्र पर छात्रों की उपस्थिति शत-प्रतिशत बताते हुए 518 उपस्थिति की दावेदारी प्रस्तुत किए। वहीं उनके पास मौजूद दस्तावेजों में कुल 493 छात्रों की उपस्थिति दर्ज पाई गई। नगर केंद्राधीक्षक के दावों एवं कार्यों पर वर्णित संख्या के विपरीत परीक्षा केंद्र पर छात्रों की संख्या 400 से भी कम थी। इतना ही नहीं जब केंद्राधीक्षक से छात्रों की वास्तविक उपस्थिति जाने का प्रयास किया गया तो उन्होंने तत्कालीन कागजों पर वर्णित छात्रों की संख्या 1 दिन पूर्व की उपस्थिति बताते हुए पल्ला झाड़ते नजर आए। परीक्षा आरंभ होने के 2 घंटे बाद भी 11:00 बजे दिन में केंद्र अधीक्षक महोदय अनुपस्थित छात्रों के आने की संभावना जता रहे थे। उनका दावा था कि कुछ छात्र जो अनुपस्थित है वे परीक्षा समाप्त होने तक मौजूद हो सकते हैं। परीक्षा केंद्र पर कदाचार का बोलबाला होते हुए भी केंद्र अधीक्षक महोदय कदाचार मुक्त परीक्षा के दावे कर रहे थे। बताते चलें कि यूनिक प्राइवेट आईटीआई संस्थान में कुल 7 आईटीआई संस्थानों के परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। जिनमें जमालपुर के ओम आईटीआई संस्थान व सृष्टि आईटीआई संस्थान, धरहरा के सत्य साईं आईटीआई संस्थान, हवेली खड़गपुर के प्रतीक आईटीआई संस्थान एवं तारापुर प्राइवेट आईटीआई संस्थान शामिल है। जहां तीन कमरो एवं दो हॉल में कुल 518 छात्रों के परीक्षा की व्यवस्था की गई थी। इंजीनियरिंग ड्राइंग विषय की परीक्षा के लिए मजिस्ट्रेट के रूप में उक्त परीक्षा केंद्र पर गंगा पंप नहर योजना मुंगेर प्रमंडल के अधिकारी जितेंद्र कुमार को नियुक्त किया गया था। इसके अलावा केंद्र पर कुल 15 वीक्षक तैनात किए गए थे। जिनमें 7 सरकारी विद्यालयों के शिक्षक, 5 सरकारी आईटीआई संस्थानों के कर्मी एवं तीन श्रम संसाधन विभाग के कर्मी तैनात थे।
Friday, 9 February 2018
आईटीआई की परीक्षा में छात्रों की उपस्थिति में हो रहा गड़बड़झाला
जमालपुर। एनएच-80 पर गौरीपुर स्थित यूनिक प्राइवेट आईटीआई संस्थान में संचालित हो रहे आईटीआई की परीक्षा के दौरान छात्रों की उपस्थिति को लेकर बड़ा ही गड़बड़झाला नजर आया। iti परीक्षा में धांधली को देखते हुए इस वर्ष आईटीआई की परीक्षा राज्य सरकार सख्ती से कराने का दम भर रही है। इसके लिए प्राइवेट आईटीआई संस्थानों के शिक्षकों को हटाकर वहां कदाचार मुक्त परीक्षा संचालित करने के लिए सरकारी अधिकारियों को नियुक्त किया गया है। सरकार द्वारा इतनी शक्ति बरते जाने के बावजूद सरकारी निर्देशों का कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है। एक ओर जहां परीक्षा केंद्रों पर कदाचार का बोलबाला है वहीं दूसरी ओर छात्रों की उपस्थिति में ही गड़बड़झाला देखने को मिला। शुक्रवार को गौरीपुर स्थित यूनिक प्राइवेट आईटीआई संस्थान में छात्रों की उपस्थिति को लेकर केंद्राधीक्षक द्वारा अलग-अलग आंकड़े प्रस्तुत किए गए। मौके पर केंद्राधीक्षक के रूप में तैनात बेगूसराय आईटीआई संस्थान के प्राध्यापक अमरेश पासवान ने परीक्षा केंद्र पर छात्रों की उपस्थिति शत-प्रतिशत बताते हुए 518 उपस्थिति की दावेदारी प्रस्तुत किए। वहीं उनके पास मौजूद दस्तावेजों में कुल 493 छात्रों की उपस्थिति दर्ज पाई गई। नगर केंद्राधीक्षक के दावों एवं कार्यों पर वर्णित संख्या के विपरीत परीक्षा केंद्र पर छात्रों की संख्या 400 से भी कम थी। इतना ही नहीं जब केंद्राधीक्षक से छात्रों की वास्तविक उपस्थिति जाने का प्रयास किया गया तो उन्होंने तत्कालीन कागजों पर वर्णित छात्रों की संख्या 1 दिन पूर्व की उपस्थिति बताते हुए पल्ला झाड़ते नजर आए। परीक्षा आरंभ होने के 2 घंटे बाद भी 11:00 बजे दिन में केंद्र अधीक्षक महोदय अनुपस्थित छात्रों के आने की संभावना जता रहे थे। उनका दावा था कि कुछ छात्र जो अनुपस्थित है वे परीक्षा समाप्त होने तक मौजूद हो सकते हैं। परीक्षा केंद्र पर कदाचार का बोलबाला होते हुए भी केंद्र अधीक्षक महोदय कदाचार मुक्त परीक्षा के दावे कर रहे थे। बताते चलें कि यूनिक प्राइवेट आईटीआई संस्थान में कुल 7 आईटीआई संस्थानों के परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। जिनमें जमालपुर के ओम आईटीआई संस्थान व सृष्टि आईटीआई संस्थान, धरहरा के सत्य साईं आईटीआई संस्थान, हवेली खड़गपुर के प्रतीक आईटीआई संस्थान एवं तारापुर प्राइवेट आईटीआई संस्थान शामिल है। जहां तीन कमरो एवं दो हॉल में कुल 518 छात्रों के परीक्षा की व्यवस्था की गई थी। इंजीनियरिंग ड्राइंग विषय की परीक्षा के लिए मजिस्ट्रेट के रूप में उक्त परीक्षा केंद्र पर गंगा पंप नहर योजना मुंगेर प्रमंडल के अधिकारी जितेंद्र कुमार को नियुक्त किया गया था। इसके अलावा केंद्र पर कुल 15 वीक्षक तैनात किए गए थे। जिनमें 7 सरकारी विद्यालयों के शिक्षक, 5 सरकारी आईटीआई संस्थानों के कर्मी एवं तीन श्रम संसाधन विभाग के कर्मी तैनात थे।
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