जमालपुर। जमालपुर प्रखंड संतमत सत्संग समिति के तत्वाधान में बुधवार को बड़ी आशिक पुर में एक सत्संग सभा आयोजित कर संत रविदास जयंती मनाई गई। माघी पूर्णिमा के दिन आयोजित संत रविदास जी महाराज जयंती समारोह के मौके पर सत्संगियों ने गुरु रविदास के तैलीय चित्र पर माल्यार्पण किया। सत्संग सभा की अध्यक्षता समिति के प्रखंड अध्यक्ष प्रमोद यादव एवं संचालन समिति सचिव उदयशंकर स्वर्णकार ने की। संत गुरु रविदास की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए स्वामी हृदयनारायण बाबा ने कहा कि ईश्वर की भक्ति बड़े भाग्य से मिलता है जैसे हाथी शक्कर की करो को सुनने में असमर्थ रहता है जबकि छोटे शरीर की चींटी शक्कर के कणों को सफलतापूर्वक चुन लेती है उसी प्रकार साधारण मनुष्य भी परमात्मा की भक्ति कर पूर्ण संत बन सकते हैं गुरु रविदास ईश्वर भक्ति गीत प्रतिमूर्ति थे संत रविदास कहते थे कि व्यक्ति को धार्मिक पाखंड करने के बजाए अंतर्मन की पवित्रता पर जोर देना चाहिए। सत्संगी कारे लाल मंडल एवं सूचना प्रचार मंत्री राजन चौरसिया ने कहा कि दुनिया भर के संतों में संत रविदास जी का विशिष्ट स्थान है। वे "प्रभु जी तुम चंदन हम पानी" जैसे अमर पद के रचयिता थे। संत रैदास भक्ति मीराबाई के आध्यात्मिक गुरु थे उनका जन्म संवत अज्ञात है परंतु वे संत कबीर के समकालीन माने जाते हैं और संभवता उनका अवतरण 15वीं शताब्दी मानी जाती है वह काशी में एक झोपड़ी में रहते थे। अध्यक्ष प्रमोद यादव एवं सत्संगी गुरु दास ने कहा कि संत रविदास बहुत बड़े चिंतक ज्ञानी एवं समाज सुधारक थे। रविदास जी महाराज अपनी कुटिया में रह कर एवं जूते बना कर जीविका चला कर भी पूर्ण संत हो गए उनके जीवन से हमें प्रेरणा मिलती है कि प्रभु की भक्ति करने में जाति धर्म एवं पैसा बाधक नहीं होता है। मौके पर सीताराम वैद्य, सच्चिदानंद मंडल, अवध नारायण मंडल, जगदीश पंडित, प्रेमचंद्र चौरसिया, जागो साह, प्रताप मंडल, जयशंकर प्रसाद, ओमप्रकाश गुप्ता, सीताराम वैद्य, चंदशेखर मंडल, अभिमन्यु साव, मदनलाल मंडल, कन्हैया लाल, शंकर राम बिंदेश्वरी प्रसाद, नरेश मंडल, सत्यनारायण मंडल, भुजनारायण पंडित एवं राजेश सरस्वती मौजूद थे।
Thursday, 1 February 2018
मनाई गई संत रविदास की जयंती
जमालपुर। जमालपुर प्रखंड संतमत सत्संग समिति के तत्वाधान में बुधवार को बड़ी आशिक पुर में एक सत्संग सभा आयोजित कर संत रविदास जयंती मनाई गई। माघी पूर्णिमा के दिन आयोजित संत रविदास जी महाराज जयंती समारोह के मौके पर सत्संगियों ने गुरु रविदास के तैलीय चित्र पर माल्यार्पण किया। सत्संग सभा की अध्यक्षता समिति के प्रखंड अध्यक्ष प्रमोद यादव एवं संचालन समिति सचिव उदयशंकर स्वर्णकार ने की। संत गुरु रविदास की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए स्वामी हृदयनारायण बाबा ने कहा कि ईश्वर की भक्ति बड़े भाग्य से मिलता है जैसे हाथी शक्कर की करो को सुनने में असमर्थ रहता है जबकि छोटे शरीर की चींटी शक्कर के कणों को सफलतापूर्वक चुन लेती है उसी प्रकार साधारण मनुष्य भी परमात्मा की भक्ति कर पूर्ण संत बन सकते हैं गुरु रविदास ईश्वर भक्ति गीत प्रतिमूर्ति थे संत रविदास कहते थे कि व्यक्ति को धार्मिक पाखंड करने के बजाए अंतर्मन की पवित्रता पर जोर देना चाहिए। सत्संगी कारे लाल मंडल एवं सूचना प्रचार मंत्री राजन चौरसिया ने कहा कि दुनिया भर के संतों में संत रविदास जी का विशिष्ट स्थान है। वे "प्रभु जी तुम चंदन हम पानी" जैसे अमर पद के रचयिता थे। संत रैदास भक्ति मीराबाई के आध्यात्मिक गुरु थे उनका जन्म संवत अज्ञात है परंतु वे संत कबीर के समकालीन माने जाते हैं और संभवता उनका अवतरण 15वीं शताब्दी मानी जाती है वह काशी में एक झोपड़ी में रहते थे। अध्यक्ष प्रमोद यादव एवं सत्संगी गुरु दास ने कहा कि संत रविदास बहुत बड़े चिंतक ज्ञानी एवं समाज सुधारक थे। रविदास जी महाराज अपनी कुटिया में रह कर एवं जूते बना कर जीविका चला कर भी पूर्ण संत हो गए उनके जीवन से हमें प्रेरणा मिलती है कि प्रभु की भक्ति करने में जाति धर्म एवं पैसा बाधक नहीं होता है। मौके पर सीताराम वैद्य, सच्चिदानंद मंडल, अवध नारायण मंडल, जगदीश पंडित, प्रेमचंद्र चौरसिया, जागो साह, प्रताप मंडल, जयशंकर प्रसाद, ओमप्रकाश गुप्ता, सीताराम वैद्य, चंदशेखर मंडल, अभिमन्यु साव, मदनलाल मंडल, कन्हैया लाल, शंकर राम बिंदेश्वरी प्रसाद, नरेश मंडल, सत्यनारायण मंडल, भुजनारायण पंडित एवं राजेश सरस्वती मौजूद थे।
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