सेवानिवृत्त प्राचार्या की दबंगई की वजह से 3 महीने से बंद है विद्यालय का मध्यान भोजन
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने सेवानिवृत्त प्राचार्या की दबंगता से विद्यालय को मुक्त कराने का दिया आश्वासन
जमालपुर। जमालपुर प्रखंड के पूर्वी इंद्ररूख पंचायत स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय इन्द्ररूख की पूर्व प्राचार्य की दबंगई की वजह से विद्यालय में विगत 3 महीनों से मध्यान्ह भोजन बंद है। मध्यान भोजन में मिलने वाले बच्चों को पोषण युक्त भोजन एवं शुक्रवार को वितरित होने वाले अंडे अथवा मौसमी फल भी नहीं दिए जा रहे हैं। सरकार की इस लोकहित में जारी मध्यान्ह भोजन योजना पूर्व प्राचार्या की दबंगता पूर्ण रवैया की वजह से भेंट चढ़ रहा है। विद्यालय के बच्चों ने बताया कि उन्हें विगत कई महीनों से मध्यान्ह भोजन नहीं दिया जा रहा है। शनिवार को विद्यालय में पहुंचने पर पता चला कि वर्तमान प्राचार्या वैदेही कुमारी छुट्टी पर है। प्राचार्या की अनुपस्थिति में विद्यालय के शिक्षकों ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया।
10 प्रतिशत छात्र ही विद्यालय में रहते हैं उपस्थित
सूत्रों के मुताबिक मिली जानकारी के अनुसार उत्क्रमित मध्य विद्यालय इन्द्ररूख में कक्षा प्रथम से दसवीं तक कुल ढाई सौ छात्र-छात्राएं नामांकित है मगर शनिवार को विद्यालय में करीब 3 दर्जन छात्र-छात्राएं ही उपस्थित पाए गए। छात्रों ने बताया कि मध्यान भोजन नहीं मिलने की वजह से अधिकांश छात्र छात्राएं नियमित क्लास में नहीं आते हैं।
पेयजल एवं शौचालय की व्यवस्था नहीं
उत्क्रमित मध्य विद्यालय इन्द्ररूख में शौचालय एवं पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं है। विद्यालय के शिक्षकों ने बताया कि विद्यालय में वर्षों पुराना शौचालय जर्जर स्थिति में है। जिसमें शौचालय जाना खतरों से खेलना है। इस कारण शौचालय के लिए छात्र-छात्राओं एवं शिक्षक-शिक्षिकाओं को साउथ के लिए अपने-अपने घर जाना होता है। विद्यालय में एक चापानल तो है लेकिन उसमें दूषित पानी निकलता है जो सेहत के लिए काफी हानिकारक है। बच्चे एवं शिक्षक शिक्षकेतर कर्मचारी अपनी अपनी बोतलों में पानी लेकर आते हैं।
कक्षा नवम एवं दशम में रजिस्टर पर बनती है छात्रों की उपस्थिति
उत्क्रमित मध्य विद्यालय इंद्र में कक्षा नवम एवं दशम में नामांकित छात्र छात्राओं को शायद ही कभी विद्यालय में उपस्थित पाया जाता है। छात्र छात्राओं की शिकायत है कि विद्यालय में उच्च विद्यालय स्तर के शिक्षक नहीं है। जिस कारण उनकी पढ़ाई नहीं होती है। इसलिए पूर्व प्राचार्य के सहयोग से उनकी उपस्थिति रजिस्टर पर बन जाती है। इसलिए वह लोग ट्यूशन के भरोसे ही अपनी पढ़ाई सुचारु रख रहे हैं।
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने वर्तमान प्राचार्य को वित्तीय प्रभार दिलाने का दिया आश्वासन
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी केके शर्मा ने बताया कि यह मामला विगत कई वर्षों से लंबित है। जिसमें जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा भी कई बार सेवानिवृत्त पूर्व प्राचार्या को निर्देश जारी किया गया था। मगर जिला शिक्षा पदाधिकारी के चेतावनी के बाद भी पूर्व प्राचार्या का हस्तक्षेप आज भी विद्यालय प्रबंधन के विकास में बाधक बना हुआ है। उन्होंने कहा कि काफी प्रयास के बाद विगत 5 जनवरी को वर्तमान प्राचार्या वैदेही कुमारी को शैक्षणिक प्रभार दिला दिया गया है। मगर अब तक उन्हें वित्तीय प्रभार नहीं मिल पाया है। जल्द ही स्थानीय प्रशासन की मदद से वर्तमान प्राचार्या को वित्तीय प्रभार के लिए नए सिरे से सारे रजिस्टर एवं खातों को संधारित कर दिया जाएगा। वित्तीय प्रभार सुचारू होने के बाद अगले माह से बच्चों को सुचारु रुप से मध्यान भोजन मिलना शुरू हो जाएगा।
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