सृजन साहित्य मुंगेर के तत्वावधान में स्व. अशर्फी झा स्मृति सम्मान सह सद्य: प्रकाशित डॉ मृदुला झा का साहित्य संसार पर समीक्षा गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस पुस्तक का संपादन जाने माने साहित्यकार डॉ शिववंश पांडेय ने किया है। जिसमें डॉ मृदुला झा के साहित्य के विविध आयामों को देश के प्रख्यात साहित्यकारों ने रेखांकित किया है। समारोह के मुख्यअतिथि सूचनाजन संपर्क के संयुक्त निदेशक कमलाकांत उपाध्याय ने सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार डॉ सत्येन्द्र अरूण को सम्मानित किया। श्री उपाध्याय ने कहा कि डॉ सत्येन्द्र अरूण काफी चर्चित रचनाकार हैं। उनके व्यंग्य में धार है। वहीं सम्मान के लिए डॉ सत्येन्द्र अरूण ने आभार व्यक्त किया। साथ ही मृदुला झा के साहित्यक लेखन के विविध आयामों को विस्तार से रेखांकित किया। वे 10 सितम्बर के समारोह में अपरिहार्य कारणों से उपस्थित नहीं हो पाये थे।सम्मान समारोह के बाद सद्य: प्रकाशित पुस्तक पर वक्ताओं ने विचार रखे। विचार गोष्ठी का संचालन वरिष्ठ पत्रकार कुमार कृष्णन ने किया। विचार व्यक्त करते हुए अनिरूद्ध सिन्हा ने कहा कि प्रस्तुत पुस्तक में साहित्य के विभिन्न स्वरूपों की चर्चा की गयी।उन्होंने डॉ मृदुला झा के लेखन का सकारात्मक पक्ष की चर्चा की। वहीं बीआरएमकालेज की पूर्व प्राध्यापिका प्रो. शिवरानी ने लेखन के नारी विर्मश की चर्चा की और उसे महत्वपूर्ण बताया। जबकि प्रो. शब्बीर हसन ने उनके साहित्य को मानवीय संवेदनाओं और सामाजिक सरोकारों से लैश बताया। प्रो. अवध किशोर प्रसाद सिंह ने कहा कि डॉ मृदुला झा का साहित्यिक अवदान काफी महत्वपूर्ण है। विजय गुप्त ने कहा कि इस मंच द्वारा रचनाशील लोगों का सम्मान महत्वपूर्ण है। विजेता मुद्गलपुरी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए पुस्तक के संपादन, सामग्री को सुंदर बताया।। अधिवक्ता यदुनंदन झा द्विज ने कहा कि पुस्तक में डॉ मृदुला झा के साहित्य और उनके व्यक्तित्व को काफी सुंदर ढंग से पेश किया गया है। इस मौके पर गुरूदयाल त्रिविक्रम ने भी अपने विचार रखे। समारोह में नरेश चंद राय, प्रेम गुंजन, सुदेश थापा, श्री मती यमुना थापा, सज्जन कुमार गर्ग, दयमंती कुमारी, शिप्रा सोनी सहित अनेक लोगों ने भागीदारी निभायी!
Sunday, 19 November 2017
डॉ सत्येन्द्र अरूण को मिला अशर्फी झा स्मृति सम्मान
सृजन साहित्य मुंगेर के तत्वावधान में स्व. अशर्फी झा स्मृति सम्मान सह सद्य: प्रकाशित डॉ मृदुला झा का साहित्य संसार पर समीक्षा गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस पुस्तक का संपादन जाने माने साहित्यकार डॉ शिववंश पांडेय ने किया है। जिसमें डॉ मृदुला झा के साहित्य के विविध आयामों को देश के प्रख्यात साहित्यकारों ने रेखांकित किया है। समारोह के मुख्यअतिथि सूचनाजन संपर्क के संयुक्त निदेशक कमलाकांत उपाध्याय ने सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार डॉ सत्येन्द्र अरूण को सम्मानित किया। श्री उपाध्याय ने कहा कि डॉ सत्येन्द्र अरूण काफी चर्चित रचनाकार हैं। उनके व्यंग्य में धार है। वहीं सम्मान के लिए डॉ सत्येन्द्र अरूण ने आभार व्यक्त किया। साथ ही मृदुला झा के साहित्यक लेखन के विविध आयामों को विस्तार से रेखांकित किया। वे 10 सितम्बर के समारोह में अपरिहार्य कारणों से उपस्थित नहीं हो पाये थे।सम्मान समारोह के बाद सद्य: प्रकाशित पुस्तक पर वक्ताओं ने विचार रखे। विचार गोष्ठी का संचालन वरिष्ठ पत्रकार कुमार कृष्णन ने किया। विचार व्यक्त करते हुए अनिरूद्ध सिन्हा ने कहा कि प्रस्तुत पुस्तक में साहित्य के विभिन्न स्वरूपों की चर्चा की गयी।उन्होंने डॉ मृदुला झा के लेखन का सकारात्मक पक्ष की चर्चा की। वहीं बीआरएमकालेज की पूर्व प्राध्यापिका प्रो. शिवरानी ने लेखन के नारी विर्मश की चर्चा की और उसे महत्वपूर्ण बताया। जबकि प्रो. शब्बीर हसन ने उनके साहित्य को मानवीय संवेदनाओं और सामाजिक सरोकारों से लैश बताया। प्रो. अवध किशोर प्रसाद सिंह ने कहा कि डॉ मृदुला झा का साहित्यिक अवदान काफी महत्वपूर्ण है। विजय गुप्त ने कहा कि इस मंच द्वारा रचनाशील लोगों का सम्मान महत्वपूर्ण है। विजेता मुद्गलपुरी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए पुस्तक के संपादन, सामग्री को सुंदर बताया।। अधिवक्ता यदुनंदन झा द्विज ने कहा कि पुस्तक में डॉ मृदुला झा के साहित्य और उनके व्यक्तित्व को काफी सुंदर ढंग से पेश किया गया है। इस मौके पर गुरूदयाल त्रिविक्रम ने भी अपने विचार रखे। समारोह में नरेश चंद राय, प्रेम गुंजन, सुदेश थापा, श्री मती यमुना थापा, सज्जन कुमार गर्ग, दयमंती कुमारी, शिप्रा सोनी सहित अनेक लोगों ने भागीदारी निभायी!
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