नई दिल्ली/पटना || सम्पादक की कलम से || बिहार की सत्तारूढ़ पार्टी जदयू के कार्यकर्ता खुद को दोराहे पर खड़ा देख रहे हैं। जनता दल यूनाइटेड पार्टी की एक डोर मुख्यमंत्री नितीश कुमार के पास है तो दूसरी डोर पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद शरद यादव के पास। ऐसे में पार्टी कार्यकर्ता बहुत ही कन्फ्यूज दिख रहे हैं।
ऐसा माना जा रहा है कि 19 अगस्त को होने वाली पार्टी की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार बागियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं। नीतीश कुमार चाहते हैं कि जदयू कार्यकारिणी बैठक से पूर्व ही शरद यादव व अली अनवर पार्टी से इस्तीफा दे, ताकि दोनों की राज्यसभा की सदस्यता समाप्त हो जाए। वहीं, शरद यादव व अली अनवर पार्टी को अपना इस्तीफा नहीं देने जा रहे हैं। उनकी सोंच है कि नीतीश कुमार कोई गलत कदम उठाए। वहीं, नीतीश कुमार के भाजपा में शामिल होने की अटकलों की वजह से पार्टी कार्यकर्ताओं में कन्फ्यूजन इस कदर बढ़ी हुई है कि ना तो वह खुलकर विरोध जाहिर करते हुए शरद यादव के साथ खड़े हो सकते हैं और ना ही नीतीश कुमार के साथ भाजपा में शामिल होने का रिस्क उठा सकते हैं।
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